रायबरेलीः आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) की तारीखों का ऐलान हो चुका है. प्रत्याशी व मौजूदा माननीय मतदाताओं को लुभाने के लिए उनके बीच पहुंच रहे हैं. उन्हें विकास के नाम पर अपने पक्ष में करने का प्रयास भी कर रहे हैं. वहीं वोटर्स भी अपने क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के न मिलने से नेताओं से नाराज दिख रहे हैं.
ताजा मामला रायबरेली सरेनी विधानसभा के लालगंज बहाई गांव में देखने को मिला. जहां बदहाल सड़क से परेशान ग्रामीणों ने गांव के प्रवेश द्वार पर होर्डिंग व बैनर टांग दिया है. उसमें लिखा है कि रोड नहीं तो वोट नहीं.
ग्रामीणों की माने तो कई दशक से उनके गांव का मुख्य मार्ग बदहाल है. चुनावों में नेता वादा तो कर जाते हैं लेकिन कोई रिजल्ट नहीं निकलता है. जिले की सरेनी विधानसभा की बहाई ग्रामसभा को जाने वाला मुख्य मार्ग पानी व कीचड़ से भरा हुआ है.अगर किसी ग्रामीणों को इसी बदहाल रास्ते से निकलकर सफर करना पड़ता है. दो दशक पहले ये मार्ग बना था और तब से ये बदहाल है.
ग्रामीणों की नाराजगी है कि किसी भी दल के नेता ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. थक हार कर विधानसभा चुनावों में ग्रामीणों ने नेताओं का बहिष्कार कर दिया है. लोगों ने साफ कह दिया है कि अगर कोई भी नेता गांव में वोट मांगने आता है तो उसे खदेड़ दिया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि चाहे किसी भी दल का नेता हो, वो वोट तो ले लेता है, लेकिन न तो गांव में नाली बनवाता है और न ही सड़क. ऐसे में ग्रामीणों ने तय किया है कि इस बार हम किसी भी नेता को गांव में घुसने नही देंगे.
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