रायबरेली: रविवार को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इसके चलते गाड़ी में मौजूद पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई थी. पीड़िता के चाचा जिला जेल में बंद थे. परिजनों की मांग पर प्रशासन ने उन्हें पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 12 घंटे की पैरोल दे दी. इसके बाद मीडिया से बचने के लिए पुलिस सुबह पांच बजे ही भारी सुरक्षा के बीच उन्हें उन्नाव लेकर निकल गई.
कड़ी सुरक्षा के बीच भेजा गया उन्नाव
2017 में उन्नाव के दुष्कर्म मामला उस समय सुर्खियों में आया, जब मामले की पीड़िता अपने वकील, चाची और मौसी के साथ कार से रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी. जब उनकी कार गुरुबख्शगंज की अटौरा चौकी के पास पहुंची तो एक ट्रक ने कार में टक्कर मार दी. इस घटना में उसकी मौसी व चाची की मौत हो गई और वह अपने वकील के साथ गंभीर रूप से घायल हो गई. लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में दोनों का इलाज चल रहा है. पीड़िता के चाचा की तहरीर पर पुलिस ने विधायक कुलदीप सिंह व उनके भाई के साथ ही 28 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया. साथ ही उनकी सीबीआई जांच की मांग और पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 12 घंटे की पैरोल की शर्त भी मान ली. बुधवार सुबह 5 बजे ही पुलिस ने मीडिया से बचते हुए पीड़िता के चाचा को जिला जेल से निकाल कर कड़ी सुरक्षा के बीच उन्नाव रवाना कर दिया.