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तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन पर धूप में खड़ा रखने का लगाया आरोप, प्रसूता की हालत खराब

रायबरेली के जिला अस्पताल में तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन पर कई घंटों तक धूप में खड़े रखने का आरोप लगाया है. तीमारदारों के धूप में खड़े रखने से वार्डों में मौजूद प्रसूता की तबियत बिगड़ गई. वहीं कई घंटों बाद तीमारदारों को प्रशासन ने अंदर वार्डों में जाने दिया.

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Published : Apr 26, 2019, 2:40 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

अस्पताल प्रशासन ने तीमारदारों को घंटो धूप में खड़ा रखा

रायबरेली: जिला महिला अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां अस्पताल प्रशासन पर सुबह से मरीज के वार्डों में देखभाल के लिए लगे तीमारदारों को कई घंटों तक धूप में खड़ा रखने का आरोप लगा है. वहीं जब तीमारदार काफी देर तक वार्डों में नहीं गए तो वार्डों में मौजूद नवजात शिशु और उनकी मां स्थिति बिगड़ गई. जब कई घंटों तक धूप में खड़े तीमारदारों का धैर्य जवाब देने लगा तो उन्होंने बवाल शरु कर दिया. तब जाकर प्रशासन ने उन्हें वार्डों के अंदर जाने दिया. हालांकि जिला अस्पताल प्रशासन ने इसे रूटीन चक्र ही बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया.

तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया धूप में खड़ा करने का आरोप.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • बदहाली को लेकर चर्चा में रहने वाला जिला महिला चिकित्सालय आज सुबह से ही सज-धज गया था.
  • लखनऊ से आई एक जांच टीम को अच्छे से अच्छा दिखाने के चक्कर में पूरा अस्पताल प्रशासन तैयारियों में जोर-शोर से लगा था.
  • वहीं जिला प्रशासन पर वार्डों में लगे बच्चे और मां की देखभाल में तीमारदारों ने कई घंटों तक धूप में खड़ा करने का आरोप लगाया.
  • इस सबके बीच अस्पताल प्रशासन भूल गया उन मरीजों को जिनके लिए ये अस्पताल बना है.
  • तभी वार्डों में मौजूद प्रसूता और उनके बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी.
  • जब तीमारदारों ने हंगामा शुरू किया तो अस्पताल प्रशासन की आंखे खुल गई और आनन-फानन बाहर खड़े तीमारदारों को उनके मरीजों के पास जाने की अनुमति दे दी.
  • कई घंटे तक कड़ी धूप से दो चार हुए इन तीमारदारों के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था.

रायबरेली: जिला महिला अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां अस्पताल प्रशासन पर सुबह से मरीज के वार्डों में देखभाल के लिए लगे तीमारदारों को कई घंटों तक धूप में खड़ा रखने का आरोप लगा है. वहीं जब तीमारदार काफी देर तक वार्डों में नहीं गए तो वार्डों में मौजूद नवजात शिशु और उनकी मां स्थिति बिगड़ गई. जब कई घंटों तक धूप में खड़े तीमारदारों का धैर्य जवाब देने लगा तो उन्होंने बवाल शरु कर दिया. तब जाकर प्रशासन ने उन्हें वार्डों के अंदर जाने दिया. हालांकि जिला अस्पताल प्रशासन ने इसे रूटीन चक्र ही बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया.

तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया धूप में खड़ा करने का आरोप.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • बदहाली को लेकर चर्चा में रहने वाला जिला महिला चिकित्सालय आज सुबह से ही सज-धज गया था.
  • लखनऊ से आई एक जांच टीम को अच्छे से अच्छा दिखाने के चक्कर में पूरा अस्पताल प्रशासन तैयारियों में जोर-शोर से लगा था.
  • वहीं जिला प्रशासन पर वार्डों में लगे बच्चे और मां की देखभाल में तीमारदारों ने कई घंटों तक धूप में खड़ा करने का आरोप लगाया.
  • इस सबके बीच अस्पताल प्रशासन भूल गया उन मरीजों को जिनके लिए ये अस्पताल बना है.
  • तभी वार्डों में मौजूद प्रसूता और उनके बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी.
  • जब तीमारदारों ने हंगामा शुरू किया तो अस्पताल प्रशासन की आंखे खुल गई और आनन-फानन बाहर खड़े तीमारदारों को उनके मरीजों के पास जाने की अनुमति दे दी.
  • कई घंटे तक कड़ी धूप से दो चार हुए इन तीमारदारों के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था.
Intro:
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चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात कुछ इसी तर्ज पर रायबरेली का जिला महिला चिकित्सालय में आज सुबह से ही व्यवस्था चाक चौबंद थी।लेकिन इन सबके चलते अस्पताल प्रशासन यह भूल ही गया कि वार्डो में नवजात शिशु और उनकी माँए है जिन्हें देखभाल की जरूरत है।सुबह से ही अस्पताल के सभी वार्डो से मरीजो के तीमारदारों को बाहर खदेड़ दिया गया।घण्ड़ो अस्पताल परिसर में वो कड़ी धूप में खड़े रहे जब उनका धैर्य जवाब दे गया तो उन्होंने बवाल शुरू कर दिया।हालांकि जिला अस्पताल प्रशासन ने इसे रूटीन ही बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया।



Body:बदहाली को लेकर चर्चा में रहने वाला जिला महिला चिकित्सालय आज सुबह से ही सज धज गया था।राजधानी से आई एक जांच टीम को अच्छे से अच्छा दिखने के चक्कर मे पूरा अस्पताल प्रशासन जोर शोर से लगा था।इस सबके बीच अस्पताल प्रशासन भूल गया उन मरीजो को जिनके लिए ये अस्पताल बना है।जब तीमारदारों ने हंगामा शुरू किया तो अस्पताल प्रशासन की आंखे खुल गई और आनन फानन बाहर खड़े तीमारदारों को उनके मरीजो के पास जाने की अनुमति दे दी।कई घंटे तक कड़ी धूप से दो चार हुए इन तीमारदारों के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था।

बाईट- मरीज व तीमारदार

वही पूरे मामले पर जब सीएमएस रेणु चौधरी से बात की गई तो उन्होंने इसे रूटीन बताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया और जांच टीम के निरीक्षण पर आई थी उसी के लिए सब तैयारी की गई थी।

बाईट- रेणु चौधरी (सीएमएस )


प्रभाकर त्रिपाठी
रायबरेली
9984524647


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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