रायबरेली: जिला महिला अस्पताल में एक ऐसा मामला सामने आया है. जहां अस्पताल प्रशासन पर सुबह से मरीज के वार्डों में देखभाल के लिए लगे तीमारदारों को कई घंटों तक धूप में खड़ा रखने का आरोप लगा है. वहीं जब तीमारदार काफी देर तक वार्डों में नहीं गए तो वार्डों में मौजूद नवजात शिशु और उनकी मां स्थिति बिगड़ गई. जब कई घंटों तक धूप में खड़े तीमारदारों का धैर्य जवाब देने लगा तो उन्होंने बवाल शरु कर दिया. तब जाकर प्रशासन ने उन्हें वार्डों के अंदर जाने दिया. हालांकि जिला अस्पताल प्रशासन ने इसे रूटीन चक्र ही बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया.
जानिए क्या है पूरा मामला
- बदहाली को लेकर चर्चा में रहने वाला जिला महिला चिकित्सालय आज सुबह से ही सज-धज गया था.
- लखनऊ से आई एक जांच टीम को अच्छे से अच्छा दिखाने के चक्कर में पूरा अस्पताल प्रशासन तैयारियों में जोर-शोर से लगा था.
- वहीं जिला प्रशासन पर वार्डों में लगे बच्चे और मां की देखभाल में तीमारदारों ने कई घंटों तक धूप में खड़ा करने का आरोप लगाया.
- इस सबके बीच अस्पताल प्रशासन भूल गया उन मरीजों को जिनके लिए ये अस्पताल बना है.
- तभी वार्डों में मौजूद प्रसूता और उनके बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी.
- जब तीमारदारों ने हंगामा शुरू किया तो अस्पताल प्रशासन की आंखे खुल गई और आनन-फानन बाहर खड़े तीमारदारों को उनके मरीजों के पास जाने की अनुमति दे दी.
- कई घंटे तक कड़ी धूप से दो चार हुए इन तीमारदारों के चेहरे पर गुस्सा साफ झलक रहा था.