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योगी सरकार से श्याम साधु की अपील, सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पास हो बजट - रायबरेली खबर

यूपी के रायबरेली जिले के प्रख्यात पशु सेवी और पर्यावरण विद श्याम साधु ने योगी सरकार से सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने की बात कही है. जिसको लेकर उन्होंने नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बजट में प्रावधान होने की अपील की है.

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सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए श्याम साधु ने की अपील.
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Published : Feb 18, 2020, 3:09 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: प्रख्यात पशु सेवी और पर्यावरण विद श्याम साधु ने प्रदेश की भाजपा सरकार से 2020 के बजट में सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग की है. सई नदी के प्रदूषण को लेकर सरकार को सचेत करते हुए श्याम साधु कहते हैं कि भोलेनाथ के प्राचीन धाम भवरेश्वर के तट पर पीजीआई का दूषित जल सई में समा रहा है. इसकी वजह से प्रदूषण में वृद्धि हो रही है. साथ ही साथ स्थानीय पशु पक्षियों समेत वन संपदा को भी नुकसान हो रहा है.

सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए श्याम साधु ने की अपील.

पशु सेवा में अपना जीवन खपाने वाले श्याम साधु बेबाक टिप्पणियों के कारण समाज मे अलग पहचान कायम करने में कामयाब रहे हैं. हालांकि श्याम साधु का नाम पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रशंसकों में शुमार है. बावजूद इसके अवसर आने पर सरकार की खिंचाई करने में भी पीछे नहीं रहते.

दरअसल, राजधानी लखनऊ और रायबरेली जिले की सीमा के समीप निगोहा कस्बे में भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर भवरेश्वर धाम है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता आम दिनों में इस धाम में लगता है. वहीं विशेष पर्व में संख्या लाखों में पहुंचती है.

इसे भी पढ़ें-रायबरेलीः पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने साधा निशाना, मौजूदा सरकार को बताया डबल इंजन की सरकार

पौराणिक नदी सई के तट पर होने के कारण धाम में उसके जल से शिवलिंग के अभिषेक की परंपरा रही है. लेकिन इस स्थल पर राजधानी लखनऊ के बड़े मेडिकल संस्थान एसजीपीजीआई द्वारा छोड़े गए हॉस्पिटल लिक्विड वेस्ट के चलते सई नदी का जल लगातार प्रदूषित हो रहा है.

पीजीआई का गंदा नाला सई नदी में मिलता है और उसके मिलते है सई के जल के रंग में एकाएक बदलाव देखा जा सकता है. पीजीआई भले ही इसे दूषित करार न दे, पर नदी के जल में हो रहे बदलाव से ही वास्तविकता की पहचान हो जाती है. यही कारण है कि सरकार को इस ओर तत्काल एक्शन लेने की जरुरत है. बजट में छोटी नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में भी पहल किए जाने की जरुरत है.
-श्याम साधु , पशु सेवी और पर्यावरण संरक्षक

रायबरेली: प्रख्यात पशु सेवी और पर्यावरण विद श्याम साधु ने प्रदेश की भाजपा सरकार से 2020 के बजट में सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने की मांग की है. सई नदी के प्रदूषण को लेकर सरकार को सचेत करते हुए श्याम साधु कहते हैं कि भोलेनाथ के प्राचीन धाम भवरेश्वर के तट पर पीजीआई का दूषित जल सई में समा रहा है. इसकी वजह से प्रदूषण में वृद्धि हो रही है. साथ ही साथ स्थानीय पशु पक्षियों समेत वन संपदा को भी नुकसान हो रहा है.

सई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए श्याम साधु ने की अपील.

पशु सेवा में अपना जीवन खपाने वाले श्याम साधु बेबाक टिप्पणियों के कारण समाज मे अलग पहचान कायम करने में कामयाब रहे हैं. हालांकि श्याम साधु का नाम पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रशंसकों में शुमार है. बावजूद इसके अवसर आने पर सरकार की खिंचाई करने में भी पीछे नहीं रहते.

दरअसल, राजधानी लखनऊ और रायबरेली जिले की सीमा के समीप निगोहा कस्बे में भोलेनाथ का प्राचीन मंदिर भवरेश्वर धाम है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का तांता आम दिनों में इस धाम में लगता है. वहीं विशेष पर्व में संख्या लाखों में पहुंचती है.

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पौराणिक नदी सई के तट पर होने के कारण धाम में उसके जल से शिवलिंग के अभिषेक की परंपरा रही है. लेकिन इस स्थल पर राजधानी लखनऊ के बड़े मेडिकल संस्थान एसजीपीजीआई द्वारा छोड़े गए हॉस्पिटल लिक्विड वेस्ट के चलते सई नदी का जल लगातार प्रदूषित हो रहा है.

पीजीआई का गंदा नाला सई नदी में मिलता है और उसके मिलते है सई के जल के रंग में एकाएक बदलाव देखा जा सकता है. पीजीआई भले ही इसे दूषित करार न दे, पर नदी के जल में हो रहे बदलाव से ही वास्तविकता की पहचान हो जाती है. यही कारण है कि सरकार को इस ओर तत्काल एक्शन लेने की जरुरत है. बजट में छोटी नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में भी पहल किए जाने की जरुरत है.
-श्याम साधु , पशु सेवी और पर्यावरण संरक्षक

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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