रायबरेली: यूपी में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया. लॉकडाउन की वजह से शहर और ग्रामीण जीवन पर असर पड़ा है. ग्रामीण स्तर पर लॉकडाउन का कितना प्रभाव पड़ा, इसका ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया और ग्रामीणों से बात की. देखिए इस रिपोर्ट में रायबरेली के बिबियापुर गांव में लॉकडाउन का ग्रामीण जीवन पर कितना असर पड़ा है.
मजदूरों के पास नहीं है रोजगार
गांव निवासी शुभम के मुताबिक, लॉकडाउन में खेती-बाड़ी से लेकर दैनिक मजदूरी पर असर पड़ा है. लोगों के पास रोजगार नहीं है. गांव से निकल नहीं सकते. गांव में चारों ओर संक्रमण फैला हुआ है. लोग मेडिकल स्टोर से दवाएं लेकर अपना इलाज कर रहे हैं.
गांव में नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
ग्रामीण राजकुमार चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन से हमारे जीवन पर गहरा असर पड़ा है. अगर राशन की दुकानों से राशन न मिले तो भूखों मरने की नौबत आ जाएगी. ग्रामीण डरे हुए हैं. गांव में सर्दी, जुकाम और बुखार से कई लोग पीड़ित हैं. मरीज अस्पताल जाने के बजाय मेडिकल स्टोरों से दवा ले रहे हैं. गांव में आज तक कोई भी स्वास्थ्य टीम नहीं आई है और न ही यहां सैनिटाइजेशन कराया गया है. जिला प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की मदद नहीं की गई है.
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यदि आगे भी इसी तरह प्रदेश में लॉकडाउन जारी रहा और सरकार ने इन ग्रामीणों की कोई मदद नहीं की तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं. कोरोना से ग्रामीण तो बच जाएंगे, लेकिन पेट की भूख से इनकी जान जरूर जा सकती है.