रायबरेली: अमेठी में सोमवार को छिड़े पोस्टर वॉर के बीच जब केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति ईरानी ने ट्वीट करके कांग्रेस अध्यक्षा व रायबरेली सांसद सोनिया गांधी पर निशाना साधा तो रायबरेली के कांग्रेसी नेताओं में भी उबाल देखा गया. इस राजनीतिक घमासान में पार्टी अध्यक्ष के पक्ष में रायबरेली कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी कूदे और भाजपा की फायर ब्रांड नेता पर जमकर निशाना साधा था.
दो जिलों की सियासत में घमासान
दरअसल, सोमवार को अमेठी और रायबरेली की सियासत में घमासान का नया अध्याय तब जुड़ा जब अमेठी के गौरीगंज तहसील में केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी के लापता होने की पोस्टर चिपके मिले. अपने खिलाफ बेनामी पोस्टर वॉर छिड़ने पर मोर्चा संभालने खुद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मैदान पर उतरीं. हालांकि सोशल मीडिया पर सारे आरोपों पर पलटवार करते हुए पड़ोसी जनपद रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी को भी इस विवाद में घसीट लिया.
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए पहले खुद के दौरों के विषय में जानकारी दी और उनकी ओर से संकटकाल में उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया. साथ ही इस विवाद में सोनिया को भी घसीटते हुए सवाल किया कि क्या सोनिया गांधी ने भी ऐसे कोई कदम रायबरेली और स्थानीय लोगों के लिए उठाए हैं.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर साधा निशाना
रायबरेली सांसद सोनिया गांधी का नाम विवाद में आते देख स्थानीय पदाधिकारी भी चौकन्ने हो गए. पार्टी के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि स्मृति ईरानी अभी पहली बार लोकसभा सांसद हुई हैं, जबकि सोनिया गांधी इस बार 5वीं बार सांसद चुनी गई हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता सुख भोग रहीं स्मृति ईरानी यह भूल गईं कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री का पद भी ठुकराया है, लेकिन स्मृति ईरानी सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गईं.
सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी की कोई तुलना नहीं
स्मृति ईरानी पर तंज कसते हुए पंकज तिवारी ने कहा कि विपक्ष में होने के नाते एक तरफ सोनिया जहां जनता के लिए सरकार से गुहार लगा रही थीं और जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से उठाती रहीं. वहीं अमेठी सांसद सिर्फ अंताक्षरी खेलने में टाइम पास करती दिख रही हैं. यही कारण है कि सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी की कोई तुलना नहीं की जा सकती.