रायबरेली: केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के तीसरे चरण की घोषणा के साथ ही जिले को रेड जोन की श्रेणी में डाला गया है. यही कारण रहा है कि सरकार के नए फरमान की जानकारी मिलते ही प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ नियमों का कड़ाई से पालन कराने में जुट गया है. रायबरेली जिला प्रशासन फिलहाल शुरुआती दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर भले ही राहत महसूस कर रहा हो, लेकिन जिले के गंभीर हालातों पर नजर रखने के दावे के साथ ही जिला प्रशासन संक्रमण से बचाव करता दिखर रहा है.
लॉकडाउन के तीसरे चरण की घोषणा के साथ ही आने वाले दिनों की रणनीति के बाबत ईटीवी भारत ने जिले के अपर जिलाधिकारी प्रशासन से खास बातचीत की.
रायबरेली के एडीएम प्रशासन राम अभिलाष ने ईटीवी संवाददाता से बातचीत में कोरोना से निपटने को लेकर चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी दी. साथ ही दावा किया कि जिले में बेहद सधे तरीके से सभी कोरोना संदिग्धों की पहचान करके क्वारंटाइन केंद्रों में लाने की पहल को लॉकडाउन के पहले चरण से ही शुरू की गई थी. यही कारण है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों से संक्रमण फैलने पर रोक है.
मंडलायुक्त और आईजी डाल चुके हैं सात दिवसीय डेरा
रायबरेली जिले में एकाएक बढ़े कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या से स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन तक हलकान दिखा. जिस कारण से आनन-फानन में शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कमिश्नर मुकेश कुमार मेश्राम को नोडल अधिकारी के रूप मे तैनाती दी गई थी. उनकी मदद के लिए आईजी एसके भगत भी जिले के दौरे पर रहे. कोरोना से लड़ाई में जमीनी परिस्थितियों को दुरुस्त करने की कवायद इस दौरान बदस्तूर जारी रही.
पहले दो कोरोना पॉजिटिव मरीज हो चुके हैं निगेटिव
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के पॉजिटिव मरीजों के उपचार में लगे डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की मेहनत का नतीजा है कि दोनों मरीज फिलहाल कोरोना निगेटिव हो चुके हैं. नतीजतन दोनों को ही आइसोलेशन सेंटर से निकालकर एहतियात के रूप में पुनः क्वारंटाइन केंद्र में रखा गया है.
नहीं है कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा
अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष ने बताया कि जिले में बढ़े कोरोना मरीजों के बावजूद फिलहाल जनपद में कम्युनिटी स्प्रेड की जद में कोरोना संक्रमण नहीं पहुंचा है. यही कारण है इसके रोकथाम को लेकर शासन के सभी दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है.
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