रायबरेलीः पैसों के चक्कर में जबरन डिलीवरी कराने के प्रयास में एक नवजात की जान चली गई. प्रसूता की हालत गंभीर बनी हुई है. बेचारा पति, पत्नी के जेवर बेचकर और ऊंचे ब्याज पर पैसे लाया था, अब अपनी लाचारगी पर रो रहा है. मामला है रायबरेली जिले के हरचंदपुर विकासखंड का.
डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन यहां डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगा है. दरअसल, हरचंदपुर विकासखंड में हरचंदपुर के ग्रोवर का पुरवा गांव निवासी साहबदीन की पत्नी गर्भवती थी. साहबदीन ने बताया कि शुक्रवार को पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर उसे सीएचसी में दिखाया गया लेकिन प्रसूता के कमजोर शरीर व समय को देखते हुए डॉक्टर ने उसे एक माह बाद आने को बोला.
साहबदीन अपनी पत्नी को लेकर घर लौट आया लेकिन जब ये जानकारी गांव की आशा को लगी तो वो शनिवार को साहबदीन की पत्नी को बछरांवा में संचालित एक प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर पहुंच गई. यहां मौजूद चिकित्सक ने प्रसूता के पति से ईलाज के लिए 50 हजार रुपये की मांग की. वह पैसे की व्यवस्था करने के लिए चला गया तो उसकी पत्नी का आपरेशन कर दिया गया. इसके बाद नवजात ने तत्काल दम तोड़ दिया और प्रसूता की हालत गंभीर हो गई. पैसा लेकर वापस पहुंचे पीड़ित से अस्पताल संचालक ने 42 हजार रुपये लेने के बाद, उसकी पत्नी से मिलने दिया. पत्नी से मिलने के बाद उसे मामले की जानकारी हुई. पीड़ित पत्नी को लेकर तत्काल सीएचसी पहुंचा. यहां उसकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. पीड़ित पति का आरोप है कि पैसों के लालच में जबरन डिलीवरी कराई गई, जिस कारण उसके बच्चे की मौत हो गई.
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साहबदीन ने मामले में सीएचसी अधीक्षक से शिकायत की है. पीड़ित ने अपने पैसे भी वापस दिलाए जाने की मांग की है. इस मामले में सीएचसी अधीक्षक डॉ. शरद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. पीड़ित लिखित शिकायत करे तो मामले की जांचकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.