रायबरेली: प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों को अन्य प्रदेशों से ला रही है. साथ ही ये दावा किया जा रहा है कि इन मजदूरों को घर तक पहुंचाया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. जिल में गुरुवार की देर रात रायबरेली के लालगंज में दर्जन भर मजदूर अपने सामान को कंधों पर लादकर पैदल ही घरों की ओर जाते दिखे. जब उनसे पैदल जाने की वजह पूछी गई तो वे बोले की सरकार की ओर से कोई साधन नहीं मिला है.
रायबरेली के सरेनी के विभिन्न गांवों से मजदूर गुजरात रोजी-रोटी कमाने गए थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते वे वहां फंस गए. इनकी घर वापसी के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई गई. 6 मई को इनको गुजरात से लाकर गोरखपुर स्टेशन पर उतारा गया और इन्हें परिवहन निगम की बस से रायबरेली लाया गया.
रायबरेली पहुंचने के बाद सरकार का काम खत्म हो गया. अब इन लोगों का गांव पहुंचना इनकी खुद की जिम्मेदारी थी. ऐसे हालातों में इन मजदूरों के पास न तो खाने के लिए पैसा था न ही इन्हें खाना मिला. स्टेशन से इनके घर की दूरी भी 70 किमी थी. इस स्थिति में ये लोग भूखे-प्यासे पैदल ही अपने घरों को जाने लगे.