रायबरेली: सरकार भले ही किसानों के दिन बदलने के दावे करती हो, लेकिन किसानों की खुदकुशी के मामले में कमी आती नहीं दिख रही. जिले के खीरों थाना क्षेत्र में शुक्रवार को कर्ज में डूबे एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक किसान पर करीब डेढ़ लाख रुपये का कर्ज था. इसके अलावा बिजली विभाग ने भी अमानवीय रुख दिखाते हुए उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया था. जिससे वह काफी आहत था और इन्हीं सब से परेशान होकर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उधर, किसान की मौत के बाद उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
कर्ज ने लील ली एक और किसान की जिंदगी
जानकारी के मुताबिक केसौली गांव निवासी 35 वर्षीय किसान अमरेंद्र प्रताप यादव उर्फ विमल ने 17 जुलाई 2016 को बड़ौदा यूपी बैंक निहस्था से किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये 60 हजार रुपये कर्ज लिया था. जिसके बाद वह लोन नहीं चुका पाया और ब्जाय बढ़ते-बढ़ते उसके ऊपर ब्याज सहित एक लाख से अधिका कर्ज हो गया था.
इसके अलावा अमरेंद्र ने 8 जुलाई 2016 को जिला सहकारी बैंक सेमरी से भी 51 हजार रुपये खाद और बीज आदि के नाम पर कर्ज लिया था. इस कर्ज को भी वह नहीं चुका पाया था. इसके साथ ही उसके ऊपर बिजली बिल का 10 हजार रुपये भी बकाया, जिसके चलते विभाग ने उसके घर का बिजली कनेक्शन काट दिया था. मृतक किसान अमरेंद्र की पत्नी रूपरानी ने बताया कि कर्ज के चलते वह बीते सप्ताह से तनाव में था. जिसके बाद शुक्रवार दोपहर 12 बजे करीब उसने बाग में एक पेड़ के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. खीरों थाने के एसओ राजेश सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मई में होनी है बहन की शादी
मृतक अमरेंद्र प्रताप की बहन नीलम की शादी मई में होनी थी. कर्ज में डूबा अमरेंद्र बहन की शादी को लेकर भी काफी चिंतित था और बहन को विदा करने से पहले ही उसने उसने मौत को गले लगा लिया. अब परिवार भी परेशान हैं कि आखिर नीलम की शादी कैसे होगी.