रायबरेली : नगरीय विकास में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की बेहद अहम भूमिका होती है. लंबे इंतज़ार के बाद शहर के लिए स्वीकृत हो चुके अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम शुरु हो चुका है. विभागीय अधिकारियों का दावा है कि लगभग 12 किमी के दायरे में पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो चुका है पर इसके सुचारू रुप से काम शुरू करने में अभी भी कम से कम डेढ़ वर्ष का और समय लगने की उम्मीद है.
विभाग को 68 लाख की पहली किश्त जारी
- जल निगम ने वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में बड़ी पहल करते हुए डेडिकेटेड फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) बनाने का मन बनाया है.
- शासन द्वारा इसके लिए करीब 426 लाख की बजट धनराशि स्वीकृत भी हो चुकी है और लगभग 68 लाख की पहली किश्त विभाग को जारी भी कर दी गई है.
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए निर्धारित स्थल से जुड़े परिसर में ही इस विशेष फीकल ट्रीटमेंट प्लांट को बनाया जाएगा. प्राइवेट सैप्टिक टैंक के वेस्ट प्रोड्यूस को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से निपटाने जाने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही एफएसटीपी को भूतल के नीचे विकसित किए जाने का डिजाइन तैयार किया गया है, जिसके ऊपरी सतह पर हरियाली उगाने की व्यवस्था रहेगी.
-जनार्दन सिंह, प्रभारी व अधिशासी अभियंता, जल निगम रायबरेली
40 हजार घरों को नौ महीने के अंदर मिलने लगेगा लाभ
जनार्दन सिंह ने दावा किया कि विभाग द्वारा कार्यदायी संस्थान को चुना जा चुका है और लोकसभा चुनावों के कारण थोड़े दिनों की इसमे देरी हुई है पर जल्द ही काम शुरु हो जाएगा. अगले नौ महीने के अंदर रायबरेली के करीब 40 हजार घरों को इस सुविधा का लाभ मिलना शुरु हो जाएगा. वेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में बेहद सहूलियत प्रदान करने वाले इस उच्च तकनीक युक्त एफएसटीपी से स्वच्छ भारत मिशन को भी बल मिलने की उम्मीद है.