रायबरेली: शहर की गुलाब रोड निवासी फरहत नाज पर देश नाज कर रहा है. जिले की फरहत नाज इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल, फरहत नाज ने फेमस टेलीविजन शो केबीसी में महानायक अमिताभ बच्चन के सवालों का जवाब देकर लाखों रुपये कमाए हैं. इनाम जीतने के बाद फरहत कहती हैं कि सपना हर कोई देखता है पर वो उन चुनिंदा लोगों में से हैं, जिन्होंने अपने सपनों को जिया है. फेमस टीवी शो केबीसी से 25 लाख इनामी राशि जीतकर लौटी फरहत नाज से ईटीवी भारत ने बातचीत की.
रायबरेली : केबीसी में जीते 25 लाख रुपये से स्कूल बनाएंगी फरहत नाज - रायबरेली खबर
रायबरेली जिले की फरहत नाज ने केबीसी में 25 लाख रुपये की इनामी राशि जीती है. बातचीत के दौरान फरहत ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान टीवी प्रोग्राम देखती रही. जब केबीसी शुरू हुआ तो उसे देखकर उसमें भाग लेने का मन बनाया. वहीं से प्रयास शुरू हुआ और फिर सिलेक्शन हुआ.
25 लाख जीतने वाली फरहत जहां
रायबरेली: शहर की गुलाब रोड निवासी फरहत नाज पर देश नाज कर रहा है. जिले की फरहत नाज इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल, फरहत नाज ने फेमस टेलीविजन शो केबीसी में महानायक अमिताभ बच्चन के सवालों का जवाब देकर लाखों रुपये कमाए हैं. इनाम जीतने के बाद फरहत कहती हैं कि सपना हर कोई देखता है पर वो उन चुनिंदा लोगों में से हैं, जिन्होंने अपने सपनों को जिया है. फेमस टीवी शो केबीसी से 25 लाख इनामी राशि जीतकर लौटी फरहत नाज से ईटीवी भारत ने बातचीत की.
फरहत कहती है कि प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए आपदा में अवसर तलाशने के मूलमंत्र को उन्होंने भी अपनाया. लॉकडाउन में कहीं आना जाना नहीं हो पाता था. टाइम पास के लिए टीवी प्रोग्राम देखती रही. जब केबीसी शुरू हुआ तो उसे देखकर उसमें भाग लेने का मन बनाया. वहीं से प्रयास शुरू हुआ और फिर सिलेक्शन हुआ. फरहत बताती हैं कि 18 सिंतबर से 23 सिंतबर के बीच वह मुंबई में रहीं और इसी दौरान दो दिनों में प्रोग्राम शूट हुआ. प्रोग्राम में वह 25 लाख जीतने में कामयाब रहीं.जीती गई धनराशि से बनाएंगी स्कूल
मदरसा टीचर फरहत नाज कहती हैं कि केबीसी में जीती गई इनामी राशि से विद्यालय खोलकर गरीब बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास करूंगी. हालांकि अभी उनका प्रयास था कि वो करीब एक करोड़ की धनराशि जीते पर कोई लाइफ लाइन न बची होने के कारण उन्हें गेम वहीं पर छोड़ना पड़ा था.
केबीसी से मिली है नई पहचान
केबीसी में जाने से पहले और बाद में आए बदलाव के बारे में पूछे जाने पर फरहत कहती हैं कि बदलाव जरूर आया है. पहले उनकी कोई पहचान नहीं थी आम आदमियों की ही तरह थे पर अब लोगों ने पहचानना शुरू कर दिया है.
फरहत कहती है कि प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए आपदा में अवसर तलाशने के मूलमंत्र को उन्होंने भी अपनाया. लॉकडाउन में कहीं आना जाना नहीं हो पाता था. टाइम पास के लिए टीवी प्रोग्राम देखती रही. जब केबीसी शुरू हुआ तो उसे देखकर उसमें भाग लेने का मन बनाया. वहीं से प्रयास शुरू हुआ और फिर सिलेक्शन हुआ. फरहत बताती हैं कि 18 सिंतबर से 23 सिंतबर के बीच वह मुंबई में रहीं और इसी दौरान दो दिनों में प्रोग्राम शूट हुआ. प्रोग्राम में वह 25 लाख जीतने में कामयाब रहीं.जीती गई धनराशि से बनाएंगी स्कूल
मदरसा टीचर फरहत नाज कहती हैं कि केबीसी में जीती गई इनामी राशि से विद्यालय खोलकर गरीब बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास करूंगी. हालांकि अभी उनका प्रयास था कि वो करीब एक करोड़ की धनराशि जीते पर कोई लाइफ लाइन न बची होने के कारण उन्हें गेम वहीं पर छोड़ना पड़ा था.
केबीसी से मिली है नई पहचान
केबीसी में जाने से पहले और बाद में आए बदलाव के बारे में पूछे जाने पर फरहत कहती हैं कि बदलाव जरूर आया है. पहले उनकी कोई पहचान नहीं थी आम आदमियों की ही तरह थे पर अब लोगों ने पहचानना शुरू कर दिया है.