रायबरेली: बिजली विभाग की चूक से सिर्फ आम उपभोक्ता ही परेशान नहीं होते बल्कि सरकारी कंपनियां भी मुसीबत में फंस जाती हैं. इस बार बिजली विभाग ने लालगंज स्थित राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड की इकाई को साढ़े तीन करोड़ का बिल थमा दिया, जबकि कंपनी लगातार अपना बकाया भुगतान कर रही है. अब विद्युत विभाग ने बिल कैलकुलेशन में हुई चूक को माना है और अब संयुक्त कमेटी गठित कर नया बिल जारी करने की बात कही है.
रायबरेली के लालगंज में राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल) की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट फोर्ज्ड व्हील प्लांट है. प्लांट के महाप्रबंधक संजय कुमार झा ने बताया कि आरआईएनएल ने प्लांट में इलेक्ट्रिकल कनेक्शन के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एमवीवीएनएल) को आवेदन दिया था. एप्लिकेशन के आधार पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को 800 केवीए और बाद में 15 एमवीए का कनेक्शन दिया गया. उन्होंने दावा किया कि कंपनी की ओर से नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान भी किया गया. कुछ दिन पहले एमवीवीएनएल ने करीब 3 करोड़ 50 लाख का बकाये का बिल भेज दिया. कंपनी ने जब पत्र के माध्यम से इसकी डिटेल मांगी तो चूक का पता चला.
वहीं इस मामले में विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता रविंद्र कुमार ने बताया कि जून 2019 में नया कनेक्शन दिया गया था. इस दौरान डिवीजन में नए लोगों की पोस्टिंग हुई थी. कुछ यही कारण रहा कि मल्टीप्लाइंग फैक्टर के कैलकुलेशन में गलती हुई, जिसका नतीजा यह रहा कि वास्तविक आपूर्ति के सापेक्ष बिल नहीं दिया गया. विद्युत आपूर्ति ज्यादा की गई और आरआईएनएल को बिल राशि कम ही जारी हुई. अब इसमें सुधार करते हुए एरियर समेत कुल साढ़े तीन करोड़ का बिल भेजा किया गया. इस संबंध में जो कुछ भी जानकारी आरआईएनएल को चाहिए होगी, वह मुहैया कराई जाएगी. उन्हें संतुष्ट किया जाएगा. बकाया धनराशि भी वसूली जाएगी.