रायबरेली: यूपी सरकार ने बुजुर्गों के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन तमाम सरकारी योजनाओं के जैसे इसकी भी खस्ताहाल तस्वीर सामने आई हैं. जिम्मेदार भले ही लाख दावे करते हों, लेकिन जनपद में कई जरुरतमंदों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और आंकड़े भी कुछ यही बयान करते नजर आते हैं.
जानए क्या है पूरा मामला-
- यूपी सरकार ने बुजुर्गों के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना की शुरुआत की थी.
- कई महीनों से ब्लॉक और तहसीलों में वृद्धावस्था पेंशन से जुड़े फॉर्म डंप पड़े हैं.
- शासनादेश के अनुसार 21 दिन में फाइनल रिपोर्ट देने की समय सीमा निर्धारित है.
जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनपद के निम्न ब्लॉकों में वृद्धावस्था पेंशन के आवेदन फॉर्म धूल खा रहे हैं. इसमें राही में 1205, सरेनी-1780, अमावा-325, छतोंह-182, डलमऊ-513, गौरा-548, हरचंदपुर-289, खीरों-147, लालगंज-924, महाराजगंज-140, रोहनिया-495, सलोन-963, सताव-907, ऊंचाहार-962, बछरावां-47, डीह-34, जगतपुर-67, शिवगढ़-08, कुल आवेदन-9218. ईटीवी भारत से बातचीत में स्थानीय निवासी 70 वर्षीय श्रीराम ने बताया कि उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. दौड़ भाग करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है. आधार समेत कई कागज जमा किए, फिर भी पेंशन न आने का कारण समझ में नहीं आता.
जिले में 14,313 को वृद्धावस्था पेंशन योजना दी जा रही थी, लेकिन जून माह में हुए सत्यापन के दौरान इन्ही में से 1,311 मृतक पाएं गए. इसलिए विभाग ने उनकी पेंशन योजना रोक दी. साथ ही 6,872 नए पात्र वृद्धजनों को इस योजना से जोड़ा गया. जिन्हें आने वाले समय मे इसका लाभ दिया जाएगा. जनपद में वृद्धावस्था पेंशन योजना के कुल पात्र लाभार्थियों की संख्या 99,874 है, जिनका डाटा फ्रीज हो चुका है. हजारों की संख्या योजना के लाभार्थियों के आवेदन रिपोर्ट न लगने के कारण अटके हैं और उनके विषय मे अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष पर नही पहुंचा जा सका है.
राम चंद्र दुबे, जिला समाज कल्याण अधिकारी