रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला जेल में निरुद्ध दुष्कर्म और चोरी के दो आरोपी शौचालय की दीवार में सेंध लगाकर फरार हो गए. अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों सोमवार की रात जेल से फरार हुए हैं. डीआईजी जोन (जेल) संजीव त्रिपाठी मामले की जांच कर रहे हैं. मंगलवार देर शाम वह रायबरेली पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
रायबरेली जिला जेल से दो कैदी फरार
डीआईजी जोन (जेल) संजीव त्रिपाठी ने बताया कि जेल की जिस क्वारंटाइन बैरक में दोनों बंदियों को रखा गया था, उसमें कुल 115 बंदी को रखा जाता है. इस नए बैरक में एक सिपाही और एक होमगार्ड की ड्यूटी थी. साथ ही दिन के लिए एक हेड वार्डन की भी तैनाती रहती है. सोमवार रात को गिनती करने के पश्चात सकुशल बैरक को बंद किया गया था. रात में बंद होने के बाद और सुबह खुलने से पहले ही शौचालय के रास्ते नकब लगाकर बाहर निकलकर या फिर मेन वॉल से फरार होने के फिलहाल संकेत मिले हैं.
'बैरक में सीसीटीवी कैमरे नहीं थे इंस्टॉल्ड'
डीआईजी जोन (जेल) संजीव त्रिपाठी ने इस बात को स्वीकार किया क्वारंटाइन बैरक के नाम से बनाए नए 'हाते' में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाए गए थे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जेल के कुछ सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे. उन्हें ठीक करने के लिए लखनऊ से एक्सपर्ट मैकेनिक बुलाएं गए, लेकिन वह भी कैमरे सही नहीं कर पाए.
डीआईजी के अनुसार प्रथम दृष्टया उन्हें मेन वॉल पर कुछ खास नहीं मिला, जिससे अंदाजा लगाया जा सके कि यहां से बंदी भागे हैं. साथ ही मेन गेट की सीसीटीवी फुटेज में भी दोनों बंदियों से जुड़े कोई क्लू नहीं दिखाई पड़े.
'कई जगहों पर होती हैं चेकिंग'
भेष बदलकर भागने के सवाल को सिरे से नकारते हुए डीआईजी ने दावा किया कि ऐसा संभव नहीं है कि जेल में कई पॉइंट्स पर निकलने वालों की चेकिंग की जाती है. दिनभर जेल स्टॉफ के साथ बैठकर सीसीटीवी फुटेज की मॉनिटरिंग की गई, पर कोई ठोस निष्कर्ष अभी तक नहीं निकला.
'घटनाक्रम की गहनता से हो रही जांच'
नवंबर 2018 से रायबरेली जिला कारागार में जेल अधीक्षक की तैनाती न किए जाने के सवाल पर डीआईजी जेल में बताया कि विभाग में स्टॉफ की कमी है और वर्तमान जेलर भी अब प्रमोट होकर जेल अधीक्षक बन गए हैं. डीआईजी जोन (जेल) संजीव त्रिपाठी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच की जा रही है, जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.