रायबरेलीः जिले के जिला महिला अस्पताल में शुक्रवार को छह प्रसूताओं की इंजेक्शन लगने के बाद हालत बिगड़ गई. यह देखकर अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन फानन में अस्पताल प्रशासन ने प्रसूताओं को भर्ती कर उनका ईलाज शुरू कर दिया. वहीं मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट को इसकी जांच के आदेश दिए और अस्पताल की अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया.
परिजनों ने दी यह जानकारी. जानकारी के मुताबिक महिला जिला अस्पताल में भर्ती छह प्रसूताओं को जब ड्यूटी नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाया गया तो कुछ देर बाद ही उनको बुखार चढ़ने लगा. परिजनों की बेचैनी देखकर प्रसूताओं के परिजन भागकर ड्यूटी पर मौजूद महिला चिकित्सक के पास पहुंचे. वह मौके पर आई और इसकी जानकारी तत्काल मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका को दी. आनन-फानन में सीएमएस ने डॉक्टरों की टीम के साथ मिलकर सभी भर्ती प्रसूताओं का ईलाज शुरू कराया. इसके बाद उनकी हालत में सुधार हुआ.जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ रेनू चौधरी ने बताया कि कुछ प्रसूताओं की हालत बिगड़ने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची तो पता चला कि जो इंजेक्शन लगाने की बात सामने आ रही है वो हमेशा ही लगाए जाते है. वो सरकारी इंजेक्शन सरकारी अस्पताल के ही है. तत्काल सभी का इलाज किया गया है. अब सभी की हालत खतरे से बाहर है. फिजिशियन डॉ सलीम को भी बुला लिया गया था. उन्होंने सभी की हालत में सुधार की बात कही है. मामले की जांच हो रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी. वही इस प्रकरण की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने तत्काल सिटी मजिस्ट्रेट को इसकी जांच के लिए महिला अस्पताल भेजा. डीएम का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
ये भी पढे़ंः मेडिकल स्टोर संचालक ने बच्चे को लगाया इंजेक्शन, मौके पर मौत
ये भी पढ़ेंः गांव में एंबुलेंस न पहुंच पाने पर ठेले पर मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचा युवक