रायबरेली: कोरोना महामारी के चलते आम आदमी के जीवन पर भारी असर पड़ा है. इस दौरान हजारों लोगों की जान गई तो लाखों लोगों की रोजी-रोटी तबाह हो गई. वहीं पतंग कारोबारी इसकी मार से बच नहीं पाए. मकर संक्रांति के मौके पर जिले में जमकर पतंगबाजी होती है और पतंग कारोबारी इस त्योहार का साल भर इंतजार करते हैं. लेकिन कोरोना महामारी के चलते पिछले दो सालों से इस कारोबार पर मंदी का आलम है. इसके चलते पतंग कारोबारियों के घर रोजी रोटी का संकट है.
ईटीवी भारत ने शहर में पतंग कारोबार से जुड़े कारोबारियों बात की तो उन्होंने अपनी व्यवस्था बताई. कई पीढ़ियों से पतंग का कारोबार कर रहे सलमान ने बताया कि कोरोना से पहले की तुलना में इस साल कारोबार सिर्फ 25 फीसदी बचा है. इससे पहले लोग दिनभर अपना काम करके रात में खरीदारी करने के लिए आते थे. लेकिन इस बार कोरोना के चलते नाईट कर्फ्यू लगा हुआ है. कुछ तो डर वश नहीं आते हैं और कुछ आते हैं तो 9 बजे दुकानें बंद हो जाती हैं. सलमान ने बताया कि इस साल कारोबार बेहद प्रभावित है.
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बता दें कि जिले की सब्जी मंडी के पास पतंग गली के नाम से एक प्रसिद्ध बाजार है. यहां मकर संक्रांति से पहले ही पतंग की सैकड़ों दुकानें सज जाती हैं. इस दौरान इस कारोबार से जुड़े लोग इतना पैसा कमा लेते हैं कि साल भर उनका गुजारा आराम से चलता है. इस साल कोरोना महामारी के चलते इन रंग-बिरंगी पतंगों को ग्राहक नहीं मिल रहे है. क्योंकि कामकाज करने वाले व्यक्ति रात में पतंगों की खरीदारी करते हैं. लेकिन इस बार नाइट कर्फ्यू के चलते दुकाने 9 बजे ही बंद हो जाती हैं. इस वजह से बिक्री पर भारी असर पड़ रहा है.
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