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दो महिला सांसद होने के बावजूद रायबरेली में कागजों पर दौड़ रहा वन स्टॉप सेंटर

रायबरेली में पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित आसरा दिलाने के लिए बनाया गया वन स्टॉप सेंटर सिर्फ कागजों पर चल रहा है. जबकि जिले ने देश की लोकसभा को सोनिया गांधी व स्मृति ईरानी सरीखे महिला सांसद प्रदान किए हैं. वर्ष 2020 से ही अस्थाई परिसर में संचालित हो रहे वन स्टॉप सेंटर में तालाबंदी है और तमाम दावों के बावजूद जिले की पीड़ित महिलाओं को शासन व प्रशासन कोई ठिकाना उपलब्ध कराने में विफल नजर आता है.

वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला
वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला
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Published : Mar 9, 2021, 7:19 AM IST

रायबरेली: जिस संसदीय क्षेत्र को भारत की पहली व एकमात्र महिला पीएम देने का गौरव हासिल है, उसी क्षेत्र में पीड़ित व शोषित महिलाओं को एक सुरक्षित ठिकाना नसीब होता नहीं दिखता. देश की लोकसभा को सोनिया गांधी व स्मृति ईरानी सरीखे महिला सांसद प्रदान करने वाला जनपद रायबरेली खुद में आधी आबादी से जुड़ी योजनाओं को साकार रूप देने में अब तक विफल साबित होता नजर आया है. जिले में पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित आसरा दिलाने के लिए बनाया गया वन स्टॉप सेंटर सिर्फ कागजों पर चल रहा है.

रायबरेली में कागजों पर दौड़ रहा वन स्टॉप सेंटर

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र से है रायबरेली का नाता
केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से वन स्टॉप सेंटर के सफल संचालन का दावा कई अहम मौकों पर किया गया है. केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी रायबरेली समेत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इसके सफल संचालन का उल्लेख किया गया है. पर जमीनी सूरत इन दावों की पोल खोलती नजर आती है. उत्तर प्रदेश के इस वीवीआईपी क्षेत्र में वन स्टॉप सेंटर का संचालन लंबे समय से ठप है. रायबरेली भले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाला जनपद रहा हो, पर यहां भी उनके खुद के मंत्रालय की महत्वकांक्षी योजना सिर्फ कागजों में संचालित होती है. वर्ष 2020 से ही अस्थाई परिसर में संचालित हो रहे वन स्टॉप सेंटर में तालाबंदी है और तमाम दावों के बावजूद जिले की पीड़ित महिलाओं को शासन व प्रशासन कोई ठोर ठिकाना उपलब्ध कराने में विफल नजर आता है.

जिम्मेदार कर रहे निर्माण कार्य प्रगति में होने का दावा
अगर बात करें उस तंत्र की जिसके ऊपर इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह जिम्मेदार स्थाई सेंटर का निर्माण कार्य चलने की बात कहते नजर आते हैं. रायबरेली के जिला प्रोबेशन अधिकारी कमलाकांत ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर के लिए जमीन अधिग्रहण हो गया है. निर्माण कार्य भी चालू है. पूरा होते ही इसका संचालन शुरू किया जा सकेगा.

वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला
वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला

इसे भी पढ़े-कभी DSO बनकर रहीं जिला पूर्ति प्रभारी, अब SDM बनकर नारी को दिला रहीं सुविधा सारी

2 महिला सांसद होने के बावजूद महिलाओं के प्रति है उदासीन रवैया
स्थानीय निवासी विजय विद्रोही कहते हैं कि इस क्षेत्र का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि वर्तमान दौर के भारतीय राजनीति में 2 शीर्षस्थ महिला नेताओं को लोकसभा में एंट्री यही से नसीब होती है. पर इस जिले में महिला परख योजनाओं की सुध लेना वाला कोई नजर नही आता. वन स्टॉप सेंटर बंद है और निकट भविष्य में संचालित होने की उम्मीद भी नहीं है.

वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला
वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला

महिला जनप्रतिनिधियों को चुनकर भेजने में अव्वल रहा है 'रायबरेली'
इतिहास के पन्नो में भी रायबरेली का वह क्षेत्र रहा है, जहां की बागडौर ज्यादातर महिलाओं की हाथों में रही है. संसद में ज्यादातर अवसरों पर महिला जनप्रतिनिधियों ने ही यहां की नुमाइंदगी की है. इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक अनेक बार यहां से चुनकर लोकसभा पहुंचती रही है. वर्तमान में सोनिया गांधी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा सलोन भी इसी जनपद का भाग है. सूबे की विधानसभा में भी महिला विधायक इस क्षेत्र से चुनकर पहुंची है. वर्तमान में रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह यहां से निर्वाचित हुई है. स्थानीय निकाय में भी पूर्णिमा श्रीवास्तव बतौर नगर पालिका अध्यक्ष के रुप मे चुनाव जीती है. महिला प्रशासनिक अधिकारियों की भी लंबी खेप यहां पर तैनाती हासिल कर चुकी है, और वर्तमान में भी एसडीएम व तहसीलदार के पदों पर महिला अधिकारियों की ही तैनाती हैं. बावजूद इन सब के महिला कल्याण योजनाओं की बदहाली सरकार की मंशा व शासन- प्रशासन की कार्यशैली दोनों पर ही प्रश्नचिन्ह लगाती है.

रायबरेली: जिस संसदीय क्षेत्र को भारत की पहली व एकमात्र महिला पीएम देने का गौरव हासिल है, उसी क्षेत्र में पीड़ित व शोषित महिलाओं को एक सुरक्षित ठिकाना नसीब होता नहीं दिखता. देश की लोकसभा को सोनिया गांधी व स्मृति ईरानी सरीखे महिला सांसद प्रदान करने वाला जनपद रायबरेली खुद में आधी आबादी से जुड़ी योजनाओं को साकार रूप देने में अब तक विफल साबित होता नजर आया है. जिले में पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित आसरा दिलाने के लिए बनाया गया वन स्टॉप सेंटर सिर्फ कागजों पर चल रहा है.

रायबरेली में कागजों पर दौड़ रहा वन स्टॉप सेंटर

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र से है रायबरेली का नाता
केंद्र व राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से वन स्टॉप सेंटर के सफल संचालन का दावा कई अहम मौकों पर किया गया है. केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी रायबरेली समेत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इसके सफल संचालन का उल्लेख किया गया है. पर जमीनी सूरत इन दावों की पोल खोलती नजर आती है. उत्तर प्रदेश के इस वीवीआईपी क्षेत्र में वन स्टॉप सेंटर का संचालन लंबे समय से ठप है. रायबरेली भले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाला जनपद रहा हो, पर यहां भी उनके खुद के मंत्रालय की महत्वकांक्षी योजना सिर्फ कागजों में संचालित होती है. वर्ष 2020 से ही अस्थाई परिसर में संचालित हो रहे वन स्टॉप सेंटर में तालाबंदी है और तमाम दावों के बावजूद जिले की पीड़ित महिलाओं को शासन व प्रशासन कोई ठोर ठिकाना उपलब्ध कराने में विफल नजर आता है.

जिम्मेदार कर रहे निर्माण कार्य प्रगति में होने का दावा
अगर बात करें उस तंत्र की जिसके ऊपर इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वह जिम्मेदार स्थाई सेंटर का निर्माण कार्य चलने की बात कहते नजर आते हैं. रायबरेली के जिला प्रोबेशन अधिकारी कमलाकांत ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर के लिए जमीन अधिग्रहण हो गया है. निर्माण कार्य भी चालू है. पूरा होते ही इसका संचालन शुरू किया जा सकेगा.

वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला
वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला

इसे भी पढ़े-कभी DSO बनकर रहीं जिला पूर्ति प्रभारी, अब SDM बनकर नारी को दिला रहीं सुविधा सारी

2 महिला सांसद होने के बावजूद महिलाओं के प्रति है उदासीन रवैया
स्थानीय निवासी विजय विद्रोही कहते हैं कि इस क्षेत्र का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि वर्तमान दौर के भारतीय राजनीति में 2 शीर्षस्थ महिला नेताओं को लोकसभा में एंट्री यही से नसीब होती है. पर इस जिले में महिला परख योजनाओं की सुध लेना वाला कोई नजर नही आता. वन स्टॉप सेंटर बंद है और निकट भविष्य में संचालित होने की उम्मीद भी नहीं है.

वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला
वन स्टॉप सेंटर में लगा ताला

महिला जनप्रतिनिधियों को चुनकर भेजने में अव्वल रहा है 'रायबरेली'
इतिहास के पन्नो में भी रायबरेली का वह क्षेत्र रहा है, जहां की बागडौर ज्यादातर महिलाओं की हाथों में रही है. संसद में ज्यादातर अवसरों पर महिला जनप्रतिनिधियों ने ही यहां की नुमाइंदगी की है. इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक अनेक बार यहां से चुनकर लोकसभा पहुंचती रही है. वर्तमान में सोनिया गांधी के अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा सलोन भी इसी जनपद का भाग है. सूबे की विधानसभा में भी महिला विधायक इस क्षेत्र से चुनकर पहुंची है. वर्तमान में रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह यहां से निर्वाचित हुई है. स्थानीय निकाय में भी पूर्णिमा श्रीवास्तव बतौर नगर पालिका अध्यक्ष के रुप मे चुनाव जीती है. महिला प्रशासनिक अधिकारियों की भी लंबी खेप यहां पर तैनाती हासिल कर चुकी है, और वर्तमान में भी एसडीएम व तहसीलदार के पदों पर महिला अधिकारियों की ही तैनाती हैं. बावजूद इन सब के महिला कल्याण योजनाओं की बदहाली सरकार की मंशा व शासन- प्रशासन की कार्यशैली दोनों पर ही प्रश्नचिन्ह लगाती है.

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