रायबरेली: जिले के अमावा से पहरेमऊ मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुका है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण बारिश के समय यहां पानी भर जाता है. जिसके कारण अक्सर यहां हादसे होते रहते हैं. लोगों ने इसे लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया लेकिन, अधिकारियों ने आज तक इस सड़क की सुधि नहीं ली. जिसे लेकर जिले के कांग्रेसियों ने अनोखा विरोध किया.
सड़क पर बने गड्ढ़ों में धान की रोपाई
जिले के फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े पहरेमऊ में लगातार प्रदर्शन के बाद भी सड़क नहीं बनी, तो स्थानीय लोगों व कांग्रेसियों ने विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बने गड्ढ़ों में भरे पानी और कीचड़ में धान की रोपाई कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों का कहना है की पिछले पांच साल से सड़क का निर्माण नहीं कराया गया. कई बार धरना प्रदर्शन करने के बाद भी न तो नेता जागे न ही जिला प्रशासन, जिसकी वजह से मजबूर होकर हमें यह रास्ता अपनाना पड़ा. जिससे हम लोगों की परेशानी शासन तक पहुंच सके.
रायबरेली: जल भराव के खिलाफ कांग्रेसियों का प्रदर्शन, सड़क पर रोपा धान
रायबरेली जिले में प्रदेश सरकार के गड्डा मुक्त सड़कों के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. जिले के अमावा से पहरेमऊ मार्ग में बारिश के समय सड़क पर बने गड्ढ़ों में पानी भर गया है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में जिले के कांग्रेसियों ने इन गड्ढ़ों में भरे पानी और कीचड़ में धान की रोपाई कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
रायबरेली: जिले के अमावा से पहरेमऊ मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुका है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे होने के कारण बारिश के समय यहां पानी भर जाता है. जिसके कारण अक्सर यहां हादसे होते रहते हैं. लोगों ने इसे लेकर कई बार प्रदर्शन भी किया लेकिन, अधिकारियों ने आज तक इस सड़क की सुधि नहीं ली. जिसे लेकर जिले के कांग्रेसियों ने अनोखा विरोध किया.
सड़क पर बने गड्ढ़ों में धान की रोपाई
जिले के फैजाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े पहरेमऊ में लगातार प्रदर्शन के बाद भी सड़क नहीं बनी, तो स्थानीय लोगों व कांग्रेसियों ने विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बने गड्ढ़ों में भरे पानी और कीचड़ में धान की रोपाई कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों का कहना है की पिछले पांच साल से सड़क का निर्माण नहीं कराया गया. कई बार धरना प्रदर्शन करने के बाद भी न तो नेता जागे न ही जिला प्रशासन, जिसकी वजह से मजबूर होकर हमें यह रास्ता अपनाना पड़ा. जिससे हम लोगों की परेशानी शासन तक पहुंच सके.