रायबरेली: नमामि गंगे के तहत गंगा के आस-पास की जगहों को विकसित किए जाने के मकसद से अब जिले में भी बायो डायवर्सिटी पार्क स्थापित किया जाएगा. शासन द्वारा निर्णय लिए जाने के बाद जिले के वन विभाग ने पहल करते हुए डलमऊ में जोहवा नटकी झील से लगी हुई भूमि पर इस पार्क को विकसित किया जाएगा. मेट्रोपोलिटन और बड़े शहरों की तर्ज पर अब जिले में भी विकसित होने वाले इस बायो डायवर्सिटी पार्क को पर्यटन के केंद्र के रुप में भी विकसित किया जाएगा.
जिले में बनेगा बायो डायवर्सिटी पार्क
- जिले में वन विभाग ने नमामि गंगे के तहत गंगा के आसपास की जगहों को विकसित करने के लिए बायो डायवर्सिटी पार्क स्थापित किया जाएगा.
- वन विभाग का दावा है कि स्थानीय प्रजाति के पेड़-पौधों के साथ कुछ विशेष प्रजाति के पेड़ों के सघन वृक्षारोपण भी किया जाएगा.
- पार्क के अंदर ही मियावाकी हेतु छोटे क्षेत्र चयनित करके उन्हें भी खास तरह से विकसित करने के साथ विभिन्न जल स्त्रोतों को भी विकसित करने का लक्ष्य है.
- गंगा के तट में होने के कारण इस पूरे स्थल को प्रकृति व पर्यावरण को ध्यान में रखकर मनोरम स्थल बनाने की मंशा है.
- जिला स्तरीय टूरिस्ट स्पॉट के रुप मे इसको स्थापित किया जाएगा.
- वन विभाग ने स्थलीय निरक्षण करने के बाद आगे की कार्रवाई करनी शुरु कर दी है.
नमामि गंगे के तहत गंगा के 10 किमी के दायरे में बायो डायवर्सिटी पार्क स्थापित किये जाने की मंशा से जिले के डलमऊ तहसील में सालों पूरानी जोहवा नटकी झील को चिन्हित किया गया है. जिले के लोगों को पर्यटन व मनोरंजन की दृष्टि से भी एक नया स्थल मिलने की उम्मीद है. डलमऊ की यह झील 35-40 हेक्टेयर भूमि के क्षेत्रफल में होने के कारण काफी बड़े एरिया में फैली हुई है, जो इस पार्क के स्थापित किये जाने के मकसद को पूरा करने में सहायक होगी. वनस्पति, पेड़ों के अलावा जीव-जंतु को सरंक्षित किए जाने के लिए पूरे स्थल को जिले का भव्य पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किए जाने की भी मंशा है.
-बृज मोहन शुक्ला, प्रभारी, नमामि गंगे प्रोजेक्ट, वन विभाग