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रायबरेली: पशु प्रेमी श्याम साधु की मांग, नदियों के किनारे बने गौशाला - Shyam Sadhu demands for cowshed on the banks of rivers

रायबरेली जिले के प्रख्यात पशु व पर्यावरण सेवी श्याम साधु ने इस नये वर्ष में सरकार से मांग की है कि है कि ज्यादा से ज्यादा गौशालाओं का निर्माण नदियों के किनारे किया जाए. साथ ही ज्यादा से ज्यादा नदियों व जलाशयों के किनारे वृहद पौधारोपण किए जाएं

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पशु प्रेमी श्याम साधु की मांग, नदियों के किनारे बने गौशाला
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Published : Jan 2, 2020, 12:01 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

रायबरेली: अनाथ पशुओं के मसीहा कहे जाने वाले जिले के प्रख्यात पशु सेवी व पर्यावरण विद श्याम साधु ने इस नव वर्ष में सरकार से नदियों के किनारे गौशाला बनवाने की मांग की है. उनका कहना है कि नदियों के तट पर गौशालाओं के निर्माण होने से बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

पशु प्रेमी श्याम साधु की मांग, नदियों के किनारे बने गौशाला

प्रकृति की संरचना में बने गौशाला
पशु सेवी श्याम साधु ने गंगा व अन्य नदियों के किनारे गौशालाओं के निर्माण किए जाने पर जोर दिया है. उनका कहना है कि वर्तमान में जो भी गौशालाओं का निर्माण ही रहा है, उसमें गऊ माताओं को सांडों के साथ ही रखा जाता है. प्रायः यह देखा गया है कि ऐसे माहौल में दुर्बल गौ माता अक्सर घायल हो जाती हैं और उन्हें बड़े गौवंश द्वारा नुकसान पहुंचा दिया जाता है. यही कारण है कि ऐसे सभी गौवंश आश्रय स्थलों को प्राकृतिक संरचना के सानिध्य में ही संरक्षित करने का प्रयास किया जाए.

मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है सभी जीव जंतु
पशुसेवी श्याम साधु कहते हैं कि सभी जीव जंतु मानव के लिए उपयोगी है. बिना पशु पक्षी जीव जंतु के मानव अधूरा है, इसीलिए मनुष्य होने के नाते हम सभी का यह फर्ज है कि प्रकृति के सभी जीव जंतु का संरक्षण करके उन्हें सुरक्षित रखा जाए. समय के साथ साथ देश में वन संपदा की भारी कमी देखने को मिल रही है.

उनका कहना है कि हम पर्यावरण के प्रति बेहद लापरवाह हो रहे हैं. उसी का नतीजा है कि जंगलों की भूमि सिकुड़ रही है. इसी बात पर जोर देते हुए उन्होंने वर्ष 2020 को गंगा नदी समेत अन्य नदियों व जलाशयों के किनारे वृहद पौधारोपण करके गौशालाओं का निर्माण किया जाने पर जोर दिया है.

रायबरेली: अनाथ पशुओं के मसीहा कहे जाने वाले जिले के प्रख्यात पशु सेवी व पर्यावरण विद श्याम साधु ने इस नव वर्ष में सरकार से नदियों के किनारे गौशाला बनवाने की मांग की है. उनका कहना है कि नदियों के तट पर गौशालाओं के निर्माण होने से बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

पशु प्रेमी श्याम साधु की मांग, नदियों के किनारे बने गौशाला

प्रकृति की संरचना में बने गौशाला
पशु सेवी श्याम साधु ने गंगा व अन्य नदियों के किनारे गौशालाओं के निर्माण किए जाने पर जोर दिया है. उनका कहना है कि वर्तमान में जो भी गौशालाओं का निर्माण ही रहा है, उसमें गऊ माताओं को सांडों के साथ ही रखा जाता है. प्रायः यह देखा गया है कि ऐसे माहौल में दुर्बल गौ माता अक्सर घायल हो जाती हैं और उन्हें बड़े गौवंश द्वारा नुकसान पहुंचा दिया जाता है. यही कारण है कि ऐसे सभी गौवंश आश्रय स्थलों को प्राकृतिक संरचना के सानिध्य में ही संरक्षित करने का प्रयास किया जाए.

मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है सभी जीव जंतु
पशुसेवी श्याम साधु कहते हैं कि सभी जीव जंतु मानव के लिए उपयोगी है. बिना पशु पक्षी जीव जंतु के मानव अधूरा है, इसीलिए मनुष्य होने के नाते हम सभी का यह फर्ज है कि प्रकृति के सभी जीव जंतु का संरक्षण करके उन्हें सुरक्षित रखा जाए. समय के साथ साथ देश में वन संपदा की भारी कमी देखने को मिल रही है.

उनका कहना है कि हम पर्यावरण के प्रति बेहद लापरवाह हो रहे हैं. उसी का नतीजा है कि जंगलों की भूमि सिकुड़ रही है. इसी बात पर जोर देते हुए उन्होंने वर्ष 2020 को गंगा नदी समेत अन्य नदियों व जलाशयों के किनारे वृहद पौधारोपण करके गौशालाओं का निर्माण किया जाने पर जोर दिया है.

Intro:रायबरेली स्पेशल:जानिए आखिर क्या है प्रख्यात पशु व पर्यावरण सेवी श्याम साधु का 'न्यू ईयर रेसोल्यूशन'

साल के शुरुआत में श्याम साधु ने दिया सरकार को सुझाव,नदियों के तटों पर हो गौशालाओं का निर्माण

01 जनवरी 2019 - रायबरेली

नववर्ष की शुरुआत से ही आमतौर पर लोग कुछ विशेष आदतों को अपनी दिनचर्या में शुमार करने की बात कहते है और सालभर उसे सही दिशा में लागू करने का प्रयास करते है।ऐसे ही कुछ मापदंड खुद के लिये तय कर चुके रायबरेली के प्रख्यात पशु सेवी व पर्यावरण विद श्याम साधु ने ETV भारत से साल 2020 के प्रारंभ में अपने खास न्यू ईयर रेसोल्यूशन के विषय में बात की।




Body:प्रकृति की संरचना में बने गौशाला -

गंगा व अन्य नदियों के किनारे पर गौशालाओं के निर्माण किए जाने पर जोर देते हुए श्याम साधु कहते है कि वर्तमान में जो भी गौशालाओं का निर्माण ही रहा है उसमें गऊ माताओं को अन्य सांडों के साथ ही रखा जाता है और प्रायः यह देखा गया है कि ऐसे माहौल में दुर्बल गौ अक्सर घायल हो जाता है और उन्हें बड़े गौवंश द्वारा नुकसान पहुंचा दिया जाता है।यही कारण है कि ऐसे सभी गौवंश आश्रय स्थलों को प्राकृतिक संरचना के सानिध्य में ही संरक्षित करने का प्रयास किया जाएं।ऐसे निर्माण बेहतर होगा कि नदियों के तट पर बने तो इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।

मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है सभी जीव जंतु -

पशुसेवी श्याम साधु कहते है कि सभी जीव जंतु मानव के लिए उपयोगी है,बिना पशु पक्षी जीव जंतु के मानव अधूरा है।इसीलिए
मनुष्य होने के नाते हम सभी का यह फर्ज़ है कि प्रकृति के सभी जीव जंतु का संरक्षण करके उन्हें सुरक्षित रखा जाएं।इसके अलावा श्याम साधु कहते है कि समय के साथ साथ देश में वन संपदा की भारी कमी देखने को मिल रही है।हम पर्यावरण के प्रति बेहद लापरवाह हो रहे है उसी का नतीजा है कि जगलो की भूमि सिकुड़ रही है और वर्ष 2020 को गंगा नदी समेत अन्य नदियों व जलाशयों के किनारे वृहद पौधरोपण करके गौशालाओं के निर्माण का ही उनके द्वारा रेसोल्यूशन लिया गया है और सरकार से भी इस दिशा में ध्यान देने की बात कही गई है।







Conclusion:बाइट : श्याम साधु - प्रख्यात पर्यावरण व पशु सेवी

प्रणव कुमार - 7000024034
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST
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