रायबरेली: अनाथ पशुओं के मसीहा कहे जाने वाले जिले के प्रख्यात पशु सेवी व पर्यावरण विद श्याम साधु ने इस नव वर्ष में सरकार से नदियों के किनारे गौशाला बनवाने की मांग की है. उनका कहना है कि नदियों के तट पर गौशालाओं के निर्माण होने से बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
प्रकृति की संरचना में बने गौशाला
पशु सेवी श्याम साधु ने गंगा व अन्य नदियों के किनारे गौशालाओं के निर्माण किए जाने पर जोर दिया है. उनका कहना है कि वर्तमान में जो भी गौशालाओं का निर्माण ही रहा है, उसमें गऊ माताओं को सांडों के साथ ही रखा जाता है. प्रायः यह देखा गया है कि ऐसे माहौल में दुर्बल गौ माता अक्सर घायल हो जाती हैं और उन्हें बड़े गौवंश द्वारा नुकसान पहुंचा दिया जाता है. यही कारण है कि ऐसे सभी गौवंश आश्रय स्थलों को प्राकृतिक संरचना के सानिध्य में ही संरक्षित करने का प्रयास किया जाए.
मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है सभी जीव जंतु
पशुसेवी श्याम साधु कहते हैं कि सभी जीव जंतु मानव के लिए उपयोगी है. बिना पशु पक्षी जीव जंतु के मानव अधूरा है, इसीलिए मनुष्य होने के नाते हम सभी का यह फर्ज है कि प्रकृति के सभी जीव जंतु का संरक्षण करके उन्हें सुरक्षित रखा जाए. समय के साथ साथ देश में वन संपदा की भारी कमी देखने को मिल रही है.
उनका कहना है कि हम पर्यावरण के प्रति बेहद लापरवाह हो रहे हैं. उसी का नतीजा है कि जंगलों की भूमि सिकुड़ रही है. इसी बात पर जोर देते हुए उन्होंने वर्ष 2020 को गंगा नदी समेत अन्य नदियों व जलाशयों के किनारे वृहद पौधारोपण करके गौशालाओं का निर्माण किया जाने पर जोर दिया है.