रायबरेलीः पराली जलाने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त तेवरों का असर प्रशासनिक अमले पर भी दिखने लगा है. दरअसल, जिले में पराली जलाने के रोकथाम पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी. लापरवाही के चलते जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने 4 लेखपालों को सस्पेंड कर दिया. साथ ही कुल 26 राजस्व कर्मी पर कार्रवाई किए जाने के आदेश जारी किए हैं.
खुलेआम जलाई जा रही पराली
दरअसल, पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बावजूद जिले में किसानों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लघंन किया जा रहा है.
65 हजार रुपये का जुर्माना
रायबरेली के अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि जिले में कहीं भी पराली न जलाई जाए. इसके बावजूद कुछ लोग चोरी छिपे अभी भी इन कार्यों में लिप्त पाएं जा रहे हैं. जिले में अब तक पराली जलाने के संबंध में करीब 65 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है, जिसके एवज में ढाई हजार रुपये की वसूली भी पूरी की जा चुकी है.
कार्रवाई के आदेश जारी
साथ ही प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए राजस्व विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी के भी खिलाफ डीएम ने कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं. इस मामले के लेकर जनपद की विभिन्न तहसीलों में तैनात 4 लेखपालों को निलंबित कर दिया गया. वहीं 11 राजस्व कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
चार लेखपाल निलंबित
पराली जलाने को लेकर डीएम की इस कार्रवाई को राज्य सरकार के आदेशों का पालन करते हुए अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है. प्रशासन का दावा है कि लेखपालों ने जिस तरह से अपने क्षेत्र के जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया, उसी क्रम में कार्रवाई की गई है. निलंबित किए जाने वाले लेखपालों में नसीराबाद में तैनात अतुल विक्रम यादव, उमेश कुमार वर्मा, अखिलेश बहादुर सिंह समेत गुरबख्शगंज के लाल बहादुर शामिल हैं.
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