रायबरेली: जमा धनराशि पर तीन प्रतिशत ब्याज, सिक्योरिटी के लिए गोल्ड और लखनऊ में प्राॅपर्टी के अनुबंध का लालच देकर शहर निवासी कुछ लोगों से 1.15 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई. एक प्राइवेट कंपनी के तीन डायरेक्टर के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. इस संगीन प्रकरण की विवेचना निरीक्षक अपराध शाखा को सौंपी गई.
लालच देकर जाल में फंसाया
रायबरेली शहर निवासी प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि उनके साथ मटिहा निवासी शिव शंकर यादव, बिबियापुर के बृजेश त्रिपाठी, अमरनगर के फैजान और संदीप शुक्ल फरवरी 2018 में वीजीई मार्ट कंपनी से जुड़े. इसका ऑफिस कैनाल रोड पर एलआईसी ऑफिस के सामने खुला था. पीड़ित के अनुसार, कंपनी के डायरेक्टर शरद कुमार, हरिनाम सिंह यादव व सुनील कुमार यहीं बैठते थे. कंपनी के निदेशकों ने ऑफर दिया कि जो भी धनराशि आप कंपनी के खाते में जमा करेंगे, उसके एवज में प्रतिमाह तीन प्रतिशत ब्याज खाते में आ जाएगा. रुपयों की सिक्योरिटी के लिए गोल्ड या फिर लखनऊ में प्राॅपर्टी का अनुबंध किया जाएगा.
पांच लोगों ने मिलकर दी रकम
इस स्कीम को लेकर प्रमोद ने 98.80 लाख, शिवशंकर ने 6.16 लाख, बृजेश ने 1.52 लाख, फैजान ने 3.50 लाख और संदीप शुक्ल ने 8.80 लाख रुपये वीजीआई के खाते में जमा करा दिए. यह सारी धनराशि 02 मार्च 18 से 29 जून 2020 के बीच दी गई.
ऑफिस बंद करके गायब आरोपी
इसी बीच अगस्त 2020 में कंपनी का बोर्ड हटाकर ऑफिस बंद कर दिया गया और इसके डायरेक्टर फरार बताए जा रहे हैं. पीड़ित ने बताया कि लखनऊ के इंदिरा नगर के नजदीक टेढ़ी पुलिया में स्थित कंपनी के मुख्यालय से भी संपर्क किया गया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. प्रमोद की तहरीर पर पुलिस ने कंपनी के तीनों निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर किया है.
रायबरेली के क्षेत्राधिकारी पुलिस अंजनी चतुर्वेदी ने बताया कि रुपयों को लेकर हुए ठगी के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मामले की गहनता से विवेचना के लिए निरीक्षक अपराध शाखा को लगाया गया है. जल्द ही खुलासा किया जाएगा.