रायबरेली: जिले में निजी और प्राइवेट स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम उपयोग में लाए जा रहे अवैध वाहनों पर प्रशासन नकेल कसने की तैयारी में है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा वाहनों को लेकर की जाने वाली मनमानी जगजाहिर है. इस संबंध में सरकार के शासनादेश लागू किए जाने के बावजूद खुलेआम उसका उल्लंघन किया जा रहा है.
वहीं जिले का प्रशासनिक अमला इन मामलों पर कड़े कदम उठाने के दावे कर रहा है. उपसंभागीय परिवाहन विभाग स्कूली वाहनों से जुड़ी इस नियमावली को लेकर निजी स्कूल के साथ बैठक कर किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही न बरते जाने की बात कह रहा है.
स्कूल बसों में लगाए जाएंगे कैमरे
शासन की मंशा के अनुसार स्कूली बसों में होने वाली हर छोटी-बड़ी गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है. बस के अंदर नन्हे बालक-बालिकाओं की सहूलियत के लिए एक महिला शिक्षक के रहने की अनिवार्यता की भी बात कही जा रही है.
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उपसंभागीय परिवहन कार्यालय के वर्तमान प्रभारी संदीप जायसवाल ने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार स्कूल में लगे वाहनों को तय मानक के अनुसार ही कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाएगा. वाहन पर मानक से अधिक बच्चों को बैठाए जाने पर वाहन चालक पर कार्रवाई के साथ स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी एक्शन लेने की बात कही गई. सभी स्कूली वाहनों में अग्निशमन यंत्र, स्पीड कंट्रोलर और सीट बेल्ट की अनिवार्यता पर जोर दिया गया है.
लापरवाही बरतने पर की जाएगी कार्रवाई
प्रभारी संदीप जायसवाल ने बताया कि अगर दोबारा भी इसमें सुधार होता नहीं दिखता तब स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई के साथ स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा भी पंजीकृत कराया जाएगा. विशेष तौर पर बालिकाओं की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बसों को सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस सिस्टम से लैस करने की बात कही जा रही है.
प्रभारी संदीप जायसवाल ने बताया कि रायबरेली में ऐसे स्कूलों की संख्या 56 के करीब है. इन स्कूलों के खुद के वाहन हैं और ऐसे सभी स्कूलों में जितने भी वाहन चल रहे हैं, उनके सभी वाहनों के कागजात, फिटनेस संबंधी दस्तावेजों के अलावा उनके ड्राइवर से जुड़ी जानकारी भी विभाग को साझा करने की बात कही गई है.