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नसबंदी के बाद महिलाओं को जमीन पर लिटाया गया - महिला नसबंदी कैंप

जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा में नसबंदी कैंप में आई महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें नसबंदी के बाद बेड पर नहीं, बल्कि जमीन पर लिटाया जाता है.

community health center jasra
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा.
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Published : Dec 23, 2020, 3:31 PM IST

प्रयागराज : स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त अनियमितताओं के कारण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. मातहत सरकार के नुमाइंदे कागजों पर ही आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियो का सबसे बड़ा उदाहरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले महिला नसबंदी कैंप में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. यहां पर नसबंदी के लिए आई महिलाओं को अस्पताल में मौजूद मरीजों के बेड पर नहीं लिटाया जाता, बल्कि अस्पताल परिसर के अंदर ही फर्श पर दरी बिछाकर जमीन पर ही लिटा दिया जाता है. कुछ ऐसा ही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा में आज बुधवार को देखने को मिला.

महिलाओं को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना.

'बेड नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं'

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा में आयोजित किए गए नसबंदी कैंप में महिलाओं की नसबंदी करने के बाद अस्पताल परिसर में ही फर्श पर दरी बिछाकर के लिटा दिया गया. जबकि इस नसबंदी कैंप का आयोजन स्वास्थ्य विभाग व परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा किया जाता है. इस बारे में महिलाओं के परिजनों के द्वारा जमीन पर लिटाए जाने का विरोध सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी डॉक्टर तरुण पाठक से किया गया तो उनके द्वारा परिजनों से यह कहा गया कि जब अस्पताल में इतने बेड नहीं मौजूद हैं तो वह क्या कर सकते हैं. इसलिए सभी महिलाओं को नसबंदी करने के उपरांत फर्श पर ही लिटा दिया गया है.

...इसलिए प्राइवेट अस्पताल की तरफ भागते हैं लोग

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा की यह दशा देखने के बाद कोई भी कह सकता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की तानाशाही रवैया के कारण लोगों को स्वास्थ्य विभाग से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती है, जिसके कारण लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरह ज्यादा रुख करते हैं.

प्रयागराज : स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त अनियमितताओं के कारण लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. मातहत सरकार के नुमाइंदे कागजों पर ही आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियो का सबसे बड़ा उदाहरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले महिला नसबंदी कैंप में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है. यहां पर नसबंदी के लिए आई महिलाओं को अस्पताल में मौजूद मरीजों के बेड पर नहीं लिटाया जाता, बल्कि अस्पताल परिसर के अंदर ही फर्श पर दरी बिछाकर जमीन पर ही लिटा दिया जाता है. कुछ ऐसा ही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा में आज बुधवार को देखने को मिला.

महिलाओं को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना.

'बेड नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं'

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा में आयोजित किए गए नसबंदी कैंप में महिलाओं की नसबंदी करने के बाद अस्पताल परिसर में ही फर्श पर दरी बिछाकर के लिटा दिया गया. जबकि इस नसबंदी कैंप का आयोजन स्वास्थ्य विभाग व परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा किया जाता है. इस बारे में महिलाओं के परिजनों के द्वारा जमीन पर लिटाए जाने का विरोध सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्साधिकारी डॉक्टर तरुण पाठक से किया गया तो उनके द्वारा परिजनों से यह कहा गया कि जब अस्पताल में इतने बेड नहीं मौजूद हैं तो वह क्या कर सकते हैं. इसलिए सभी महिलाओं को नसबंदी करने के उपरांत फर्श पर ही लिटा दिया गया है.

...इसलिए प्राइवेट अस्पताल की तरफ भागते हैं लोग

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा की यह दशा देखने के बाद कोई भी कह सकता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की तानाशाही रवैया के कारण लोगों को स्वास्थ्य विभाग से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती है, जिसके कारण लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरह ज्यादा रुख करते हैं.

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