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हाईकोर्ट: लॉकडाउन के चलते पुलिस पीएसी भर्ती में मेडिकल जांच कराने में असमर्थ क्यों रही सरकारी नीति?

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से पूछा है कि कोविड-19 व लॉकडाउन के कारण पुलिस पीएसी भर्ती की मेडिकल जांच न करा पाने वाले सफल अभ्यर्थियों के बारे में क्या नीति तय की है. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उन्नाव के श्यामू कुमार की याचिका पर दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Aug 3, 2021, 1:33 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से पूछा है कि कोविड-19 व लॉकडाउन के कारण पुलिस पीएसी भर्ती की मेडिकल जांच न करा पाने वाले सफल अभ्यर्थियों के बारे में क्या नीति तय की है. क्या लॉकडाउन में फंसे अभ्यर्थियों के बाद में मेडिकल जांच कराने का कोई उपबंध है. कोर्ट ने यह जानकारी 16अगस्त को मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उन्नाव के श्यामू कुमार की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता एम ए सिद्दीकी ने बहस की. इनका कहना है कि याची 49,568 पुलिस पीएसी भर्ती परीक्षा व शारीरिक टेस्ट में सफल घोषित किया गया. उसे मेडिकल जांच के लिए 10 सितंबर 20 को डीआईजी कानपुर नगर द्वारा बुलाया गया. उस समय वह मुंबई में था. देश में लॉकडाउन के कारण जांच के लिए पहुंच पाना दुरूह था. याची ने एस पी जालौन ने याची की अभ्यर्थिता निरस्त कर दी तो कठिनाईयों की जानकारी के साथ पुनर्विचार के लिए प्रत्यावेदन भेजा।कोई कार्रवाई नहीं हुई.

डीआईजी प्रशासन लखनऊ ने अधिसूचना जारी की है. जिसमें 17,360 सफल अभ्यर्थियों को मेडिकल जांच के लिए 8 मार्च को बुलाया था और सफल होने के बावजूद याची को अवसर नहीं दिया जा रहा है.

इसे भी पढें- बृजेश मेहता मुख्य न्यायाधीश सचिवालय के निबंधक सह प्रधान निजी सचिव नियुक्त

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व पुलिस भर्ती बोर्ड से पूछा है कि कोविड-19 व लॉकडाउन के कारण पुलिस पीएसी भर्ती की मेडिकल जांच न करा पाने वाले सफल अभ्यर्थियों के बारे में क्या नीति तय की है. क्या लॉकडाउन में फंसे अभ्यर्थियों के बाद में मेडिकल जांच कराने का कोई उपबंध है. कोर्ट ने यह जानकारी 16अगस्त को मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने उन्नाव के श्यामू कुमार की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता एम ए सिद्दीकी ने बहस की. इनका कहना है कि याची 49,568 पुलिस पीएसी भर्ती परीक्षा व शारीरिक टेस्ट में सफल घोषित किया गया. उसे मेडिकल जांच के लिए 10 सितंबर 20 को डीआईजी कानपुर नगर द्वारा बुलाया गया. उस समय वह मुंबई में था. देश में लॉकडाउन के कारण जांच के लिए पहुंच पाना दुरूह था. याची ने एस पी जालौन ने याची की अभ्यर्थिता निरस्त कर दी तो कठिनाईयों की जानकारी के साथ पुनर्विचार के लिए प्रत्यावेदन भेजा।कोई कार्रवाई नहीं हुई.

डीआईजी प्रशासन लखनऊ ने अधिसूचना जारी की है. जिसमें 17,360 सफल अभ्यर्थियों को मेडिकल जांच के लिए 8 मार्च को बुलाया था और सफल होने के बावजूद याची को अवसर नहीं दिया जा रहा है.

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