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इलाहाबाद हाईकोर्ट में 10 जनवरी से होगी वर्चुअल सुनवाई - हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में 10 जनवरी यानि सोमवार से सिर्फ वर्चुअल सुनवाई (Virtual Hearing) होगी. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jan 9, 2022, 7:36 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 10:03 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच में 10 जनवरी यानि सोमवार से सिर्फ वर्चुअल सुनवाई (Virtual Hearing) होगी. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासनिक कमेटी ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर यह निर्णय लिया है. इससे पहले भी 3 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया था. लेकिन लिंक न मिलने पर वकीलों के विरोध के कारण फैसला वापस ले लिया गया था. अब कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फिर से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया है.

इसे भी पढ़ें-5 क्विंटल बरामद गांजे से सिर्फ 500 ग्रा. सैंपल के लिए भेजना सही नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

वहीं, मुकदमों का दाखिला ऑनलाइन और शारीरिक दोनों मोड में किया जायेगा. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन महासचिव एसडी सिंह जादौन ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने बार एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि लिंक न मिलने की दशा में प्रतिकूल आदेश नहीं होगा. जमानत अर्जी की सुनवाई न हो पाने पर एक दिन बाद दोबारा केस सूचीबद्ध होगा.

रजिस्ट्रार जनरल आशीष गर्ग की तरफ से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का कोर्ट परिसर में प्रवेश वर्जित रहेगा. लखनऊ खंड पीठ के वकीलों का कोर्ट परिसर में प्रवेश पर वहां के वरिष्ठ न्यायमूर्ति के निर्देश पर सीनियर रजिस्ट्रार इसे नियंत्रित करेंगे. इसी प्रकार हाईकोर्ट में जजों के स्टाफ व अन्य कर्मचारियों के परिसर में प्रवेश को नियंत्रित करने का भी निर्णय लिया गया है. कहा गया है कि सम्बन्धित जज के निर्देश पर ही सीमित संख्या में उनके व्यक्तिगत स्टाफ, बेंच सेक्रेटरी, चपरासी आदि कोर्ट में आएंगे. रजिस्ट्रार जनरल तय करेंगे कि कितने अधिकारी या कर्मचारियों को कोर्ट आना है. गाइड लाइन में कहा गया है कि हाईकोर्ट स्थिति कैन्टीन बंद रहेगीं और केसों की सुनवाई वर्चुअल मोड में की जाएगी. जिन पुराने मुकदमों में सुनवाई के लिए डेट फिक्स थीं,उसमें अगली डेट दे दी जाएगी.

कहा गया है कि फ्रेस दाखिल मुकदमों की सुनवाई होगी, उसमे दोष सिद्ध बंदियों के केस शामिल नहीं होंगे. गाइडलाइन में कहा गया है कि सजा को स्थगित रखने तथा जमानत अर्जी पर सुनवाई नियमित जारी रहेगी. गाइडलाइंस 10 जनवरी से लागू की गई है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच में 10 जनवरी यानि सोमवार से सिर्फ वर्चुअल सुनवाई (Virtual Hearing) होगी. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासनिक कमेटी ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (High Court Bar Association) के पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर यह निर्णय लिया है. इससे पहले भी 3 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया था. लेकिन लिंक न मिलने पर वकीलों के विरोध के कारण फैसला वापस ले लिया गया था. अब कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फिर से वर्चुअल सुनवाई का फैसला लिया गया है.

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वहीं, मुकदमों का दाखिला ऑनलाइन और शारीरिक दोनों मोड में किया जायेगा. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन महासचिव एसडी सिंह जादौन ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने बार एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि लिंक न मिलने की दशा में प्रतिकूल आदेश नहीं होगा. जमानत अर्जी की सुनवाई न हो पाने पर एक दिन बाद दोबारा केस सूचीबद्ध होगा.

रजिस्ट्रार जनरल आशीष गर्ग की तरफ से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का कोर्ट परिसर में प्रवेश वर्जित रहेगा. लखनऊ खंड पीठ के वकीलों का कोर्ट परिसर में प्रवेश पर वहां के वरिष्ठ न्यायमूर्ति के निर्देश पर सीनियर रजिस्ट्रार इसे नियंत्रित करेंगे. इसी प्रकार हाईकोर्ट में जजों के स्टाफ व अन्य कर्मचारियों के परिसर में प्रवेश को नियंत्रित करने का भी निर्णय लिया गया है. कहा गया है कि सम्बन्धित जज के निर्देश पर ही सीमित संख्या में उनके व्यक्तिगत स्टाफ, बेंच सेक्रेटरी, चपरासी आदि कोर्ट में आएंगे. रजिस्ट्रार जनरल तय करेंगे कि कितने अधिकारी या कर्मचारियों को कोर्ट आना है. गाइड लाइन में कहा गया है कि हाईकोर्ट स्थिति कैन्टीन बंद रहेगीं और केसों की सुनवाई वर्चुअल मोड में की जाएगी. जिन पुराने मुकदमों में सुनवाई के लिए डेट फिक्स थीं,उसमें अगली डेट दे दी जाएगी.

कहा गया है कि फ्रेस दाखिल मुकदमों की सुनवाई होगी, उसमे दोष सिद्ध बंदियों के केस शामिल नहीं होंगे. गाइडलाइन में कहा गया है कि सजा को स्थगित रखने तथा जमानत अर्जी पर सुनवाई नियमित जारी रहेगी. गाइडलाइंस 10 जनवरी से लागू की गई है.

Last Updated : Jan 9, 2022, 10:03 PM IST
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