प्रयागराज: 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जी जान से जुट गई हैं. ऐसे में नेता उस गांव में भी वोट मांगने पहुंच जाएंगे, जहां जाने के लिए सड़क तक नहीं है. नेता सड़क बनाने का वादा करके वहां से निकल लेंगे, लेकिन उस गांव के हालात जस के तस रहेंगे.
दरअसल प्रयागराज के बहादुर विकास खण्ड का कसेरूवाकला गांव अपनी बदहाली के अभाव में जूझ रहा है. लगभग एक हजार से अधिक की आबादी वाली दलित बस्ती के वासियों को अपने घर पहुंचने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. पिछले दो दशकों से गांव के लोग जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा-लगाकर थक गए हैं. इसलिए ग्रामीणों ने ग्राम सभा की सीमा और गांव के अंदर सड़क के बदले वोट का बैनर लगा रखा है.
वहीं ग्राम सभा की समस्या के निराकरण के लिए जब गांव के प्रधान ने आगे कदम बढ़ाया, तो उन्हें गांव के ही एक दबंग ने जान से मारने की धमकी देते हुए प्रधान के मुंह में पिस्टल सटा दी. घटना को लेकर ग्राम प्रधान लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ने सराय इनायत थाने में हत्या का प्रयास और जान से मारने की धमकी का मुकदमा पंजीकृत कराया है.
सरेआम होने वाली इस घटना से गांव में आक्रोश है. यही नहीं पुलिस के अपनाए जा रहे लचर रवैये से प्रधान डरे-सहमे हुए हैं. ऐसे में गांव में विकास और दलित बस्ती में सम्पर्क मार्ग पहुंचने की बात दूर की कौड़ी साबित हो रही है.