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प्रयागराज: ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार, कहा- सड़क नहीं तो वोट नहीं

प्रयागराज के बहादुर विकास खण्ड के कसेरूवा कला गांव के लोगों ने लोकसभा चुनाव का सामूहिक बहिष्कार किया है. ग्रामीणों ने पेड़ पर बैनर टांगकर लिखा है कि लोकसभा चुनाव का सामूहिक बहिष्कार किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर सड़क नहीं मिली, तो वोट नहीं मिलेगा.

ग्रामीणों द्वारा लगाया गया पड़े पर बैनर.
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Published : Mar 25, 2019, 12:13 AM IST

प्रयागराज: 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जी जान से जुट गई हैं. ऐसे में नेता उस गांव में भी वोट मांगने पहुंच जाएंगे, जहां जाने के लिए सड़क तक नहीं है. नेता सड़क बनाने का वादा करके वहां से निकल लेंगे, लेकिन उस गांव के हालात जस के तस रहेंगे.

दरअसल प्रयागराज के बहादुर विकास खण्ड का कसेरूवाकला गांव अपनी बदहाली के अभाव में जूझ रहा है. लगभग एक हजार से अधिक की आबादी वाली दलित बस्ती के वासियों को अपने घर पहुंचने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. पिछले दो दशकों से गांव के लोग जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा-लगाकर थक गए हैं. इसलिए ग्रामीणों ने ग्राम सभा की सीमा और गांव के अंदर सड़क के बदले वोट का बैनर लगा रखा है.

जानकारी देते ग्राम प्रधान.

वहीं ग्राम सभा की समस्या के निराकरण के लिए जब गांव के प्रधान ने आगे कदम बढ़ाया, तो उन्हें गांव के ही एक दबंग ने जान से मारने की धमकी देते हुए प्रधान के मुंह में पिस्टल सटा दी. घटना को लेकर ग्राम प्रधान लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ने सराय इनायत थाने में हत्या का प्रयास और जान से मारने की धमकी का मुकदमा पंजीकृत कराया है.

सरेआम होने वाली इस घटना से गांव में आक्रोश है. यही नहीं पुलिस के अपनाए जा रहे लचर रवैये से प्रधान डरे-सहमे हुए हैं. ऐसे में गांव में विकास और दलित बस्ती में सम्पर्क मार्ग पहुंचने की बात दूर की कौड़ी साबित हो रही है.


प्रयागराज: 2019 लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है. राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जी जान से जुट गई हैं. ऐसे में नेता उस गांव में भी वोट मांगने पहुंच जाएंगे, जहां जाने के लिए सड़क तक नहीं है. नेता सड़क बनाने का वादा करके वहां से निकल लेंगे, लेकिन उस गांव के हालात जस के तस रहेंगे.

दरअसल प्रयागराज के बहादुर विकास खण्ड का कसेरूवाकला गांव अपनी बदहाली के अभाव में जूझ रहा है. लगभग एक हजार से अधिक की आबादी वाली दलित बस्ती के वासियों को अपने घर पहुंचने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. पिछले दो दशकों से गांव के लोग जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा-लगाकर थक गए हैं. इसलिए ग्रामीणों ने ग्राम सभा की सीमा और गांव के अंदर सड़क के बदले वोट का बैनर लगा रखा है.

जानकारी देते ग्राम प्रधान.

वहीं ग्राम सभा की समस्या के निराकरण के लिए जब गांव के प्रधान ने आगे कदम बढ़ाया, तो उन्हें गांव के ही एक दबंग ने जान से मारने की धमकी देते हुए प्रधान के मुंह में पिस्टल सटा दी. घटना को लेकर ग्राम प्रधान लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ने सराय इनायत थाने में हत्या का प्रयास और जान से मारने की धमकी का मुकदमा पंजीकृत कराया है.

सरेआम होने वाली इस घटना से गांव में आक्रोश है. यही नहीं पुलिस के अपनाए जा रहे लचर रवैये से प्रधान डरे-सहमे हुए हैं. ऐसे में गांव में विकास और दलित बस्ती में सम्पर्क मार्ग पहुंचने की बात दूर की कौड़ी साबित हो रही है.


Intro:देश मे आप चुनाव का शंखनाद हो चुका है, एक बार फिर राजनैतिक पार्टियां जनता के बीच विकास के करने के दावे का घोषणा पत्र जारी करेंगे। सबकी निगाहे वोटर पर रहेंगी क्योकि ये वह मतदाता है जो अपने मत से देश का भविष्य तय करेंगे। पर बात हम ऐसे गांव की कर रहे जहां पर मतदाता विकास का भाषण सुन सुन कर हैरान हो गए है। क्योंकि।उन्होंने चुनावी सभाओं नेताओ द्वारा जो दावे सुने वह सब विफल है।


Body:प्रयागराज के बहादुर विकास खण्ड का कसेरुआ कला अभी सुविधाओं के अभाव मे जूझ रहा है। लगभग एक हजार से अधिक की आबादी वाली दलित बस्ती के वासियो को अपने घर पहुचने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है। पिछले दो दशकों से ये जन प्रतिनिधि के चक्कर लगा लगाकर थक गए है। इस लिए यह अपने ग्राम सभा की सीमा और गांव के अंदर सड़क के बदले वोट का बैनर लगा रखा है। ग्राम सभा की समस्या के निराकरण के लिये जब गांव के प्रधान ने आगे कदम बढ़ाया तो उन्हें गांव के ही एक दबंग ने जान से मारने की धमकी दे डाली साथ ही वहाँ पर आए हुए गुंडों ने मुह में पिस्टल सटा दी। गुंडों द्वारा दी गयी इस धमकी से कसेरुआ कला के ग्राम प्रधान लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ने सराय इनायत थाने में हत्या के प्रयास का जान से मारने की धमकी का मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। सरेआम होने वाली इस घटना से गांव में आक्रोश है। इधर पुलिस द्वारा अपनाए जा रहे लचर रवैये से प्रधान डरा सहमा है। ऐसे में गांव में विकास और दलित बस्ती में सम्पर्क मार्ग पहुचने दूर की कौड़ी साबित हो रही है।


Conclusion:अब सवाल यह है कि एक और जहा पूरी राजनैतिक पार्टियां दलित को वोट का ट्रम्प कार्ड मान रही है, उनके विकास के लिए बड़े बड़े वादे कर कर रही है ।ऐसे में कसेरुआ कला के दलितों की मांग पर अमल कैसे होगा इसका पता नही है। या फिर गांव की सड़क सिर्फ आश्वाशन और चुनावी वादे में रहेगी।

बाईट: लक्ष्मी चन्द्र गुप्ता ग्राम प्रधान कसेरुआ कला

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज
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