प्रयागराजः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने सोमवार को पहली बार पत्रकारों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पुराना गौरव लौटाने में यहां के शिक्षकों की बड़ी भूमिका होगी. इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े पदों को पूर्ण करना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती भरा विषय है. उन्होंने कहा कि बिना शिक्षकों के केंद्रीय विश्वविद्यालय अधूरा है. इसके चलते इसकी रैंकिंग में भी गिरावट आई है.
पत्रकारों से रूबरू हुईं कुलपति
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का पदभार ग्रहण करने के बाद कुलपति संगीता श्रीवास्तव विश्वविद्यालय सीनेट हॉल के नार्थ हॉल में पत्रकारों से मुखातिब हुईं. पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का पुराना गौरव लौटाना हमारा प्रथम दायित्व है क्योंकि हमने इसके उन्नति और गिरते हुए गौरव को देखा है.
विवि में गुणवत्ता पूर्वक होगी शिक्षाः कुलपति
पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है और यूजीसी के दिशा-निर्देश के बाद अब तैयारी शुरू कर दी गई है. अब स्नातक चार वर्ष का होगा. विश्वविद्यालय में अब ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा. जिससे छात्र के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ उनके अंदर स्किल डेवलपमेंट का भी विकास हो. इसके अलावा विश्वविद्यालय उन सभी कार्यों को करेगा जो यूजीसी की गाइडलाइन के अंतर्गत आएंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा और शिक्षक हों, ऐसा हमारा पूरा प्रयास होगा.
विवि में 400 कर्मचारियों के पद रिक्त
उन्होंने बताया कि विवि में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के 400 पद रिक्त हैं, जिनकी नियुक्ति शीघ्र की जाएगी. साथ ही साथ रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों की भर्ती अभिनय विज्ञापन से होगी. यह प्रक्रिया दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आने वाले साल में एक नए के रूप में दिखेगा. इसकी जैसी पहचान रही है वह उस रूप में नजर आएगा.
छात्रों के लिए वेबसाइट बनाएगा विवि
कुलपति ने कहा कि पिछले दिनों लॉकडाउन के चलते शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई में आए व्यवधानाओं को दूर कर अब नए सिरे से विश्वविद्यालय ऑनलाइन क्लासेज के लिए वेबसाइट बनाएगा. शिक्षकों के नोट्स और उनके द्वारा पढ़ाए गए विषयों के वीडियो मौजूद रहेंगे. लॉकडाउन के चलते विलंब हुए सेशन को पूर्ण करने के लिए कोर्सों में कमी लाई जाएगी और पाठ्यक्रम को नियमित रूप से पूर्ण किया जाएगा. ताकि शैक्षिक कैलेंडर के अनुरूप छात्रों की शिक्षा पूर्ण हो सके.