प्रयागराज: प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए सीओपी नवीनीकरण (COP Renewal start) एक सितंबर से प्रारंभ कर दिया गया है. अधिवक्ता यूपी बार काउंसिल की वेबसाइट से इसका फार्म डाउनलोड कर वेरिफिकेशन के नवीनीकरण के लिए आवेदन (COP Renewal Verification) कर सकते हैं. काउंसिल के अध्यक्ष मधुसूदन त्रिपाठी ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी देते हुए बताया कि वेरिफिकेशन के नवीनीकरण का शुल्क पांच सौ रुपये है, जो बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने निर्धारित किया है और यूपी बार कौंसिल की बैठक में भी यही शुल्क लेने का निर्णय लिया गया है. इसलिये इसे कम नहीं किया जा सकता.
उन्होंने यह भी बताया कि सेल्स टैक्स व इनकम टैक्स व अन्य जहां के अधिवक्ता वकालतनामा नहीं लगाते हैं उन्हें अध्यक्ष/मंत्री की ओर से प्रमाण पत्र जारी करने पर इनकम टॅक्स भरने का प्रमाण, जजमेंट या अपील की कापी या विधि व्यवसाय का अन्य कोई प्रमाण संलग्न करने पर सीओपी जारी होगा.
त्रिपाठी ने बताया कि कौंसिल के प्रतिनिधिमंडल के ने पिछले माह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अधिवक्ताओं के हित के लिए प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिये पांच लाख तक का मुफ्त चिकित्सा बीमा या आयुष्मान योजना से जोड़ने, उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में मृतक अधिवक्ताओं के लम्बित दावों का यथाशीघ्र भुगतान कराने, विभिन्न जिलों में अधिवक्ताओं के चैम्बर का निर्माण कराने, अधिवक्ता व पत्रकार की मृत्यु पर एक समान धनराशि देने, 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 40,000 वकीलों के लिये पेंशन योजना लागू करने और एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की थी. मुख्यमंत्री ने इनके यथाशीघ्र निस्तारण का आश्वासन भी दिया था लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई.
हाईकोर्ट के वकीलों ने शुल्क वृद्धि वापसी के लिए ज्ञापन दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने सोमवार को यूपी बार काउंसिल को ज्ञापन देकर सीओपी के लिए की गई शुल्कवृद्धि वापस लेने की मांग की. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव संतोष कुमार मिश्र के नेतृत्व में काउंसिल में ज्ञापन देने पहुंचे. वकीलों का कहना है कि अधिवक्ता अभी कोरोना महामारी की मार से उबर नहीं पाया है और काउंसिल ने सीओपी का शुल्क 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया, जिससे वकीलों में अत्यधिक रोष है.
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