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उमेश पाल हत्याकांडः अशरफ की पत्नी जैनब की गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज - अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा

उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) में आरोपी अतीक अहद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा की गिरफ्तारी पर रोक की मांग करने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 28, 2023, 4:52 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा की गिरफ्तारी पर रोक की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी श्रीवास्तव व एडवोकेट आरपी सिन्हा और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड व एजीए जेके उपाध्याय को सुनकर दिया है.

याचिका में कहा गया था कि याची को उमेश पाल हत्याकांड को लेकर दर्ज एफआईआर में नामजद नहीं किया गया था. उमेश पाल की पत्नी जया पाल सहित अन्य गवाहों के बयान में भी उसका नाम नहीं आया. मुकदमे में सह अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. सह अभियुक्तों के बयान के आधार पर जैनब को इस मुकदमे में झूठा फंसाया गया है, जबकि जैनब के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है. इसके साथ ही यह भी दलील दी गई कि ऐसी स्थिति में याची को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाए. वहीं, कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि याची पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं. साथ ही वह विवेचना में सहयोग भी नहीं कर रही है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोप की गंभीरता को देखते हुए मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि 24 फरवरी 2023 को दिनदहाड़े वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में अतीक अहमद का छोटा बेटा असद भी शामिल था.जिसे बाद में पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. इस मामले में अतीक अहमद के परिवार के कई लोग आरोपी हैं. जबकि अतीक अहमद की पत्नी और बमबाज गुड्डू मुस्लिम अभी भी फरार हैं.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा की गिरफ्तारी पर रोक की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला एवं न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी श्रीवास्तव व एडवोकेट आरपी सिन्हा और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड व एजीए जेके उपाध्याय को सुनकर दिया है.

याचिका में कहा गया था कि याची को उमेश पाल हत्याकांड को लेकर दर्ज एफआईआर में नामजद नहीं किया गया था. उमेश पाल की पत्नी जया पाल सहित अन्य गवाहों के बयान में भी उसका नाम नहीं आया. मुकदमे में सह अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. सह अभियुक्तों के बयान के आधार पर जैनब को इस मुकदमे में झूठा फंसाया गया है, जबकि जैनब के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है. इसके साथ ही यह भी दलील दी गई कि ऐसी स्थिति में याची को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया जाए. वहीं, कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि याची पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं. साथ ही वह विवेचना में सहयोग भी नहीं कर रही है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोप की गंभीरता को देखते हुए मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

गौरतलब है कि 24 फरवरी 2023 को दिनदहाड़े वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या में अतीक अहमद का छोटा बेटा असद भी शामिल था.जिसे बाद में पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. इस मामले में अतीक अहमद के परिवार के कई लोग आरोपी हैं. जबकि अतीक अहमद की पत्नी और बमबाज गुड्डू मुस्लिम अभी भी फरार हैं.

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