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प्रयागराज में सस्पेंड हुए दो डीएसपी, जानिये क्यों

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में लापरवाही बरतने पर हाईकोर्ट ने दो पुलिस उपाधीक्षकों को निलंबित कर दिया है. प्रयागराज जोन एडीजी प्रेम प्रकाश ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने की स्वीकृति शासन से की थी.

सीओ सस्पेंड.
सीओ सस्पेंड.
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Published : Oct 13, 2020, 6:12 PM IST

प्रयागराज: यमुना पार मेजा थाना क्षेत्र के अंतर्गत अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में लापरवाही के आरोप में दो पुलिस उपाधीक्षकों नवीन कुमार नायक और सच्चिदानंद को शासन ने निलंबित कर दिया. यह निलंबन उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद हुआ.

पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट से लगाई गुहार
पिछले हफ्ते मेजा इलाके में एक युवती के अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में एक शख्स के खिलाफ कार्रवाई और बाकी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से पीड़िता के घर वाले पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे. जब कोर्ट ने पीड़िता के मामले में सवाल किया तो पुलिस अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था. कोर्ट ने कहा कि जब पीड़िता ने 164 के बयान में चारों आरोपियों के नाम लिए तो सिर्फ एक आरोपी के खिलाफ क्यों कार्रवाई हुई. तब तक दो विवेचकों ने मामले की विवेचना की थी. तब तत्कालीन सीओ और वर्तमान सीओ सच्चिदानंद ने उनकी विवेचना को स्वीकृत किया था.

ऐसे में हाईकोर्ट ने विवेचकों को और सीओ के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. रविवार को दो विवेचक मुन्नालाल और मोहम्मद अजहर को सस्पेंड कर दिया गया था. प्रयागराज जोन एडीजी प्रेम प्रकाश ने दोनों क्षेत्राधिकारियों नवीन नायक सच्चिदानंद को सस्पेंड करने की स्वीकृति शासन से की थी. इसके बाद सोमवार रात दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया.

प्रयागराज: यमुना पार मेजा थाना क्षेत्र के अंतर्गत अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में लापरवाही के आरोप में दो पुलिस उपाधीक्षकों नवीन कुमार नायक और सच्चिदानंद को शासन ने निलंबित कर दिया. यह निलंबन उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद हुआ.

पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट से लगाई गुहार
पिछले हफ्ते मेजा इलाके में एक युवती के अपहरण के बाद दुष्कर्म के मामले में एक शख्स के खिलाफ कार्रवाई और बाकी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से पीड़िता के घर वाले पुलिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए थे. जब कोर्ट ने पीड़िता के मामले में सवाल किया तो पुलिस अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था. कोर्ट ने कहा कि जब पीड़िता ने 164 के बयान में चारों आरोपियों के नाम लिए तो सिर्फ एक आरोपी के खिलाफ क्यों कार्रवाई हुई. तब तक दो विवेचकों ने मामले की विवेचना की थी. तब तत्कालीन सीओ और वर्तमान सीओ सच्चिदानंद ने उनकी विवेचना को स्वीकृत किया था.

ऐसे में हाईकोर्ट ने विवेचकों को और सीओ के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. रविवार को दो विवेचक मुन्नालाल और मोहम्मद अजहर को सस्पेंड कर दिया गया था. प्रयागराज जोन एडीजी प्रेम प्रकाश ने दोनों क्षेत्राधिकारियों नवीन नायक सच्चिदानंद को सस्पेंड करने की स्वीकृति शासन से की थी. इसके बाद सोमवार रात दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया.

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