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High Court News : तुस्याना जमीन घोटाले में नोएडा के पूर्व प्रबंधक कैलाश भाटी की जमानत अर्जी खारिज

एक हजार करोड़ रुपये के तुस्याना जमीन घोटाले में कैलाश भाटी गिरफ्तार हो चुका है. कैलाश भाटी पर नोएडा में किसानों को अधिग्रहीत भूमि के बदले प्लॉट आवंटन का भी आरोप है.

Tusyana Land Scam Case
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Published : Feb 6, 2023, 10:58 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक हजार करोड़ रुपये के तुस्याना जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए ग्रेटर नोएडा के पूर्व प्रबंधक (वर्तमान में यूपीसीडा में तैनात) कैलाश भाटी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक वर्मा ने कैलाश भाटी के अधिवक्ता, सरकारी वकील और शिकायतकर्ता के अधिवक्ता केके राव को सुनकर दिया है.

एडवोकेट केके राव के अनुसार कैलाश भाटी पर नोएडा में किसानों को अधिग्रहीत भूमि के बदले प्लॉट आवंटन में जमीन घोटाले का आरोप है. कैलाश पर गलत तरीके से सरकार से करोड़ों रुपये मुआवजा लेने का भी आरोप है. एक हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच भी हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई थी. कोर्ट के आदेश पर इस मामले में एसआईटी जांच के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था.

गौरतलब है की नोएडा का चर्चित तुस्यना घोटाला सामने आने के बाद जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. जांच में सामने आया कि किसानों की अधिग्रहीत भूमि के बदले में उन्हें प्लॉट दिए जाने की योजना में जबर्दस्त घोटाला किया गया है. कई अपात्र किसानों को प्लॉट आवंटित कर दिए गए. कुछ किसानों को दो से तीन बार प्लॉट दिए गए. इस मामले में सरकारी विभागों के भी कई अधिकारी और कर्मचारी घोटाले में शामिल पाए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने जानिए क्यों कहा, सपा और आरएसएस एक ही सिक्के के दो पहलू

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक हजार करोड़ रुपये के तुस्याना जमीन घोटाले में गिरफ्तार किए गए ग्रेटर नोएडा के पूर्व प्रबंधक (वर्तमान में यूपीसीडा में तैनात) कैलाश भाटी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति दीपक वर्मा ने कैलाश भाटी के अधिवक्ता, सरकारी वकील और शिकायतकर्ता के अधिवक्ता केके राव को सुनकर दिया है.

एडवोकेट केके राव के अनुसार कैलाश भाटी पर नोएडा में किसानों को अधिग्रहीत भूमि के बदले प्लॉट आवंटन में जमीन घोटाले का आरोप है. कैलाश पर गलत तरीके से सरकार से करोड़ों रुपये मुआवजा लेने का भी आरोप है. एक हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच भी हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई थी. कोर्ट के आदेश पर इस मामले में एसआईटी जांच के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था.

गौरतलब है की नोएडा का चर्चित तुस्यना घोटाला सामने आने के बाद जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी. जांच में सामने आया कि किसानों की अधिग्रहीत भूमि के बदले में उन्हें प्लॉट दिए जाने की योजना में जबर्दस्त घोटाला किया गया है. कई अपात्र किसानों को प्लॉट आवंटित कर दिए गए. कुछ किसानों को दो से तीन बार प्लॉट दिए गए. इस मामले में सरकारी विभागों के भी कई अधिकारी और कर्मचारी घोटाले में शामिल पाए गए हैं.

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