प्रयागराज: आस्था की नगरी संगम की रेती पर माघ माह में देश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है. 14 जनवरी मकर संक्रांति के साथ ही माघ मेले का शुरुआत हो रही है. कोरोना संकट के बीच पड़ने वाले माघ मेले में एक बार फिर से श्रद्धालुओं का हुजूम संगम तट पर देखने को मिलेगा. हालांकि इस बार सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि जो भी श्रद्धालु संगम की रेती पर आएगा उसको कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा.
कोरोना काल में काफी नुकसान उठा चुके नाविक अब माघ मेले की तैयारियों में जुट गए हैं. संगम किनारे तकरीबन 2,000 से अधिक नाव वाले हैं जो माघ मेले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. नाविक अब अपनी नाव की मरम्मत और रंग रोगन के कार्य में जुटे हुए हैं.
लॉकडाउन के बाद माघ मेले को लेकर उत्साहित हैं नाविक
आस्था की नगरी प्रयागराज में नाविकों को लॉकडाउन में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब नाविक माघ मेले को लेकर उत्साहित हैं. नाविकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान 4 महीनों तक श्रद्धालु संगम की रेती पर बिल्कुल नहीं आए थे जिसकी वजह से उनको काफी नुकसान हुआ था. अब माघ मेले की वजह से हजारों की संख्या में श्रद्धालु संगम आएंगे और ऐसे में लॉकडाउन के दौरान उन्हें हुए नुकसान की थोड़ी भरपाई भी हो जाएगी.
श्रद्धालुओं को लाइफ सेविंग जैकेट पहन कर बैठना होगा
श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए नाविक अपनी नाव को नवीनीकरण के कार्य में जुटे हुए हैं, इस बार जो भी श्रद्धालु नाव में बैठेगा उसको लाइफ सेविंग जैकेट के साथ मुंह पर मास्क भी लगाना अनिवार्य होगा.
नाविकों के लिए आवश्यक निर्देश
मगन निषाद का कहना है कि पिछले 1 महीने से नाविक अपनी नाव को नवीनीकरण करने में जुटे हुए हैं और इस बार उनके द्वारा नाविकों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए निर्देश दिया गया है.