प्रयागराज: देश भर में गुरुवार को यानी पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया गया. लेकिन प्रयागराज में राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षक अपनी मांगों को लेकर शिक्षक दिवस के दिन भी धरने पर बैठे रहे. जहां शिक्षकों को पूरे देश में बधाइयां दी जा रहीं थी, वहीं प्रदर्शन कर रहे इन शिक्षकों की कोई सुध तक लेने नहीं पहुंचा. दरअसल सरकार द्वारा उच्च कॉलेजों को स्ववित्तपोषित योजना के तहत निजी हाथों में देने को लेकर शिक्षक विरोध कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने सरकार के विरोध में नारे लगाए और 'समान काम-समान वेतन' की मांग को लेकर आवाज बुलंद की. विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना था कि शिक्षक दिवस है, लेकिन कोई उनका हाल तक पूछने नहीं आया.
शिक्षक दिवस पर रोड पर दिखे शिक्षक
- शिक्षक गुरुवार को 'शिक्षक दिवस' के दिन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे.
- शिक्षक कई दिनों से अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं .
- उच्च कॉलेजों को निजी हाथों में दिये जाने से ये शिक्षक ऐतराज कर रहे हैं.
- प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना है कि नेट पीएचडी धारक शिक्षकों का विश्वविद्यालयों में शोषण हो रहा है.
- नाराज शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालयों में शिक्षक भर्ती में घोटला हुआ है.
- नेट पीएचडी धारक शिक्षक खाक छान रहे हैं, जबकि कई शिक्षकों को फर्जी तरीके से नियुक्ति मिली है.
- शिक्षकों की मांग है कि सरकार बीएफ वेतन की विसंगतियां को दूर करे और नेट पीएचडी धारक शिक्षकों को विश्वविद्यालयों में तरजीह दे.
- सरकार 'समान काम-समान वेतन' को लागू करे.
- शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार उनकी 14 सूत्रीय मांगों को मान ले तो वही उनके लिये शिक्षक दिवस का सम्मान होगा.