प्रयागराज: भारत का किसान अन्नदाता के साथ-साथ ऊर्जादाता भी कहलाएगा, इसके लिए भारत सरकार और प्रदेश सरकार की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. इस योजना को साकार रूप देने के लिए कृषि और ऊर्जा मंत्रालय के उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक चल रही है. जल्द ही इसका मसौदा तैयार होकर सामने आएगा. ये बातें किसान मेले में उत्तर प्रदेश के कृषि निदेशक एपी श्रीवास्तव ने कही.
9 दिवसीय किसान मेले का आज आठवां दिन
माघ मेला के साथ कृषि विभाग ने 9 दिवसीय विराट किसान मेला का आयोजन 30 जनवरी से 7 फरवरी तक किया है. 9 दिवसीय विराट किसान मेला में कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि यंत्रों एवं फार्म मशीनरी सहित लगभग 80 विभागों/संस्थाओं ने स्टॉल लगाए हैं.
मेले के आठवें दिन किसानों को संबोधित करते हुए कृषि निदेशक एपी श्रीवास्तव ने कहा कि कृषकों को उत्पादन से वितरण तक आत्मनिर्भर बनने में एफपीओ (कृषक उत्पादक कंपनी) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. अब आप अपने उत्पाद पूरे देश में ब्रांडिंग करते हुए बेच सकते हैं. आपको कहीं भी अतिरिक्त अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है.
इस साल 8 हजार सोलर पंप का लक्ष्य प्राप्त
सोलर पंपों के बारे में कहा कि अब भारत में ही हैदराबाद में सोलर पैनल बनाने का प्लांट लग गया है, जिससे देश आत्मनिर्भर हुआ है. उत्तर प्रदेश को इस वर्ष 8,000 सोलर पंप का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जो लगने की प्रक्रिया में है. साथ ही 15,000 सोलर पंप अगले वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत हुए हैं. महिला सशक्तीकरण के तहत महिला कृषकों के लिए कुल बजट का 30 प्रतिशत आरक्षित किया गया है.
खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रभारी डाॅ. विश्वरूप श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार वर्ष 2017 से सरकार की एक महत्वाकांक्षी एवं स्वरोजगार योजना चला रही है. इस योजना के अंतर्गत 20 वर्ष के ऊपर के कृषकों को 3 दिवसीय प्रशिक्षण देकर उनका कुटीर उद्योग लगवाया जाता है.
जनपद स्तर पर भी प्रशिक्षण देकर कृषकों को 2 लाख के उद्योग लगाने पर 50 प्रतिशत का अनुदान सरकार देती है. 3 वर्ष उद्योग चलाने पर सरकार द्वारा 5 लाख का लोन खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग डीबीटी के माध्यम से भेजा जाता है. प्रत्येक न्याय पंचायत को एक कुटीर उद्योग का लक्ष्य दिया गया है, जिसके उत्पाद को मार्केट में बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा.