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मासूम की मौत पर इंसाफ का इंतजार, सपा नेता ने कहा जाएंगे सुप्रीम कोर्ट - यूनाइटेड मेडिसिटी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

यूपी के प्रयागराज में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते तीन वर्षीय मासूम खुशी की मौत मामले में न्याय न मिलने पर सपा लीडर व इविवि की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है. इससे पूर्व भी उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार और पीएमओ को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी.

प्रयागराज में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की मौत मामले में परिजनों को न्याय की आस.
प्रयागराज में डॉक्टरों की लापरवाही से बच्ची की मौत मामले में परिजनों को न्याय की आस.
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Published : Mar 20, 2021, 9:12 AM IST

प्रयागराज: शहर स्थित निजी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही से हुई तीन साल की बच्ची खुशी की मौत के मामले में पुलिस प्रशासन पर अस्पताल प्रबंधन को बचाने का आरोप लगा है. सपा नेता ऋचा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने पीड़ित परिवार को इंसाफ और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए तीन दिन बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

यह था मामला
दरअसल, तीन वर्षीय खुशी को पेट दर्द की शिकायत होने पर उसे यूनाइटेड मेडिसिटी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज प्रयागराज भर्ती किया गया था. करीब 15 दिन तक इलाज करने के बाद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर मेडिकल कॉलेज ने उसे सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था. सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर होने की बात कह बच्ची को भर्ती करने से मना कर दिया. लिहाजा परिजन दोबारा बच्ची को यूनाइटेड मेडिसिटी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने पहुंच गए, जहां अस्पताल प्रबंधन ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए बच्ची को भर्ती करने मना करते हुए गेट के अंदर नहीं आने दिया. अस्पताल के गेट पर ही खुशी की मौत हो गई. बाद में मृतक बच्ची के परिजनों ने एक वीडियो वायरल करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई थी. मामला बढ़ने पर प्रशासन ने बच्ची का पोस्टमार्टम करते हुए एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर खानापूर्ति कर की थी. वहीं अब सपा नेता और बच्ची के परिजन अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए इंसाफ की गुहार लगायी है.

जानकारी देतीं सपा नेता ऋचा सिंह.

इसे भी पढ़ें-बच्ची को न्याय दिलाने के लिए पीएमओ को लिखा पत्र

मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
सपा नेता ऋचा सिंह का कहना है कि यूनाइटेड मेडिसिटी निजी मेडिकल कॉलेज ने सुपीम कोर्ट के इलाज संबंधी आदेश की अवहेलना की है. उनका आरोप है कि चिकित्सकीय लापरवाही की वजह से मासूम बच्ची की मौत हुई है. अस्पताल ने बच्ची के परिजनों से लगभग दो लाख रुपये लेने के बाद फिर पांच लाख रुपये की डिमांड की थी. दोबारा समय से रुपये का इंतजाम न होने पर बच्ची के ऑपरेशन में लेटलतीफी की गई. जिसके बाद जब उसकी हालत और खराब हो गयी. गंभीर हालत में मासूम को सरकारी अस्पताल के लिए रेफर करना मेडिकल कॉलेज की घोर लापरवाही है. मेडिकल कॉलेज की असंवेदनशीलता ने बच्ची की जान ली है.

इसे भी पढ़ें-पिता की गोद में मासूम ने तड़पकर दे दी जान, धरती के भगवान का नहीं पसीजा कलेजा


अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
सपा नेता ने ऋचा सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन पर अस्पताल प्रशासन को बचाने का आरोप लगाया है. महज सरकारी खानापूर्ति कर कई दिन बाद सिर्फ एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कर किया गया है. इस मामले में अस्पताल प्रशासन के किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ऋचा सिंह ने कहा कि मासूम के परिजन दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन के रवैये से परिजन दुःखी हैं. उनका कहना है कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और बच्ची के परिजनों को न्याय नहीं मिला तो वो सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएंगी.

प्रयागराज: शहर स्थित निजी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही से हुई तीन साल की बच्ची खुशी की मौत के मामले में पुलिस प्रशासन पर अस्पताल प्रबंधन को बचाने का आरोप लगा है. सपा नेता ऋचा सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने पीड़ित परिवार को इंसाफ और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए तीन दिन बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

यह था मामला
दरअसल, तीन वर्षीय खुशी को पेट दर्द की शिकायत होने पर उसे यूनाइटेड मेडिसिटी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज प्रयागराज भर्ती किया गया था. करीब 15 दिन तक इलाज करने के बाद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर मेडिकल कॉलेज ने उसे सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था. सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर होने की बात कह बच्ची को भर्ती करने से मना कर दिया. लिहाजा परिजन दोबारा बच्ची को यूनाइटेड मेडिसिटी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने पहुंच गए, जहां अस्पताल प्रबंधन ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए बच्ची को भर्ती करने मना करते हुए गेट के अंदर नहीं आने दिया. अस्पताल के गेट पर ही खुशी की मौत हो गई. बाद में मृतक बच्ची के परिजनों ने एक वीडियो वायरल करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई थी. मामला बढ़ने पर प्रशासन ने बच्ची का पोस्टमार्टम करते हुए एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर खानापूर्ति कर की थी. वहीं अब सपा नेता और बच्ची के परिजन अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए इंसाफ की गुहार लगायी है.

जानकारी देतीं सपा नेता ऋचा सिंह.

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मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
सपा नेता ऋचा सिंह का कहना है कि यूनाइटेड मेडिसिटी निजी मेडिकल कॉलेज ने सुपीम कोर्ट के इलाज संबंधी आदेश की अवहेलना की है. उनका आरोप है कि चिकित्सकीय लापरवाही की वजह से मासूम बच्ची की मौत हुई है. अस्पताल ने बच्ची के परिजनों से लगभग दो लाख रुपये लेने के बाद फिर पांच लाख रुपये की डिमांड की थी. दोबारा समय से रुपये का इंतजाम न होने पर बच्ची के ऑपरेशन में लेटलतीफी की गई. जिसके बाद जब उसकी हालत और खराब हो गयी. गंभीर हालत में मासूम को सरकारी अस्पताल के लिए रेफर करना मेडिकल कॉलेज की घोर लापरवाही है. मेडिकल कॉलेज की असंवेदनशीलता ने बच्ची की जान ली है.

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अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
सपा नेता ने ऋचा सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला प्रशासन पर अस्पताल प्रशासन को बचाने का आरोप लगाया है. महज सरकारी खानापूर्ति कर कई दिन बाद सिर्फ एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कर किया गया है. इस मामले में अस्पताल प्रशासन के किसी भी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ऋचा सिंह ने कहा कि मासूम के परिजन दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन के रवैये से परिजन दुःखी हैं. उनका कहना है कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और बच्ची के परिजनों को न्याय नहीं मिला तो वो सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएंगी.

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