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जिस सेवादार ने फंदे से उतारा था नरेंद्र गिरि का शव, उसने बताई पूरी स्टोरी - महंत नरेंद्र गिरी ने की आत्महत्या

पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ. सुसाइड नोट 6-7 पन्नों का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के बारे में जिक्र है, जिसमें लिखा है - 'मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं'

नरेंद्र गिरि के सेवादार सर्वेश द्विवेदी ने बताई पूरी स्टोरी
नरेंद्र गिरि के सेवादार सर्वेश द्विवेदी ने बताई पूरी स्टोरी
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Published : Sep 21, 2021, 12:48 PM IST

प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि का शव बीती शाम मठ में ही फंदे से लटकता मिला. महंत के मौत की खबर से पूरे देश में सनसनी फैल गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि कमरे से एक सोसाइड नोट भी मिला है. हत्या और आत्महत्या में उलझी महंत के मौत की कहानी का क्या है सच...इसको जानने के लिए हर कोई परेशान है. ईटीवी में महंत के मौत की सूचना पुलिस को देने से लेकर शव को फंदे से उतारने वाले सेवादार सर्वेश कुमार द्विवेदी से बात की.

मठ बाघम्बारी गद्दी में रहकर महंत नरेंद्र गिरि की सेवा करने वाले सर्वेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि सोमवार की दोपहर के करीब महंत मठ का रूटीन हाल पूछ कर अपने कमरे में चले गए. शाम 5 बजे तक महंत नरेंद्र गिरी कमरे से बाहर नहीं निकले. मध्यप्रदेश से कुछ भक्त गुरुमंत्र लेने आए थे, माना जा रहा था कि शाम को महंत नरेंद्र गिरि इन्हें गुरुमंत्र देंगे. शाम हो गई सभी लोग कमरे के बाहर महंत का इंतजार कर रहे थे. कमरा दो तरफ से खुलता था, लेकिन दोनों ही तरफ से अंदर से बंद पाया गया. काफी देर होने पर सेवादार सर्वेश द्विवेदी अन्य लोगों के साथ महंत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला.

महंत नरेंद्र गिरि के सेवादार सर्वेश द्विवेदी ने बताई पूरी स्टोरी

किसी अनहोनी के डर से सेवादारों ने दरवाजे को धक्का दिया. जिससे अंदर की कुंडी टूट गयी और दरवाजा खुल गया. अंदर जब वह लोग पहुंचे तो उन्होंने फंदे से महंत नरेंद्र गिरि का लटकता हुआ शव देखा. सेवादार सर्वेश द्विवेदी ने बताया कि उन लोगों ने रस्सी काटकर फंदे से महंत के शव को उतारा और पुलिस को घटना की जानकारी दी. सूचना के करीब 10 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घटना संज्ञान लिया. सेवादार के मुताबिक कमरे से सुसाइड नोट भी मिला जो करीब चार से पांच पन्नों का रहा होगा, उन्होंने उसे पढ़ा नहीं सीधे पुलिस को दे दिया.

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. उनके निधन के बाद महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवाद की याद भी ताजा हो गई.

पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ. सुसाइड नोट 6-7 पन्नों का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के बारे में जिक्र है, जिसमें लिखा है - 'मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं'

मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का यह पहला मामला नहीं है. दो साल पहले नवंबर महीने में भी अखाड़े के एक संत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. संत का शव उनके कमरे में मिला था. उन्हें गोली लगी थी. उनकी हथेली में पिस्टल फंसी थी और पास में ही खोखे बरामद किए गए थे. मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.

पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि ने हफ्ते भर पहले भी किया था सुसाइड का प्रयास, आज आम जन कर सकेंगे अंतिम दर्शन

प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि का शव बीती शाम मठ में ही फंदे से लटकता मिला. महंत के मौत की खबर से पूरे देश में सनसनी फैल गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि कमरे से एक सोसाइड नोट भी मिला है. हत्या और आत्महत्या में उलझी महंत के मौत की कहानी का क्या है सच...इसको जानने के लिए हर कोई परेशान है. ईटीवी में महंत के मौत की सूचना पुलिस को देने से लेकर शव को फंदे से उतारने वाले सेवादार सर्वेश कुमार द्विवेदी से बात की.

मठ बाघम्बारी गद्दी में रहकर महंत नरेंद्र गिरि की सेवा करने वाले सर्वेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि सोमवार की दोपहर के करीब महंत मठ का रूटीन हाल पूछ कर अपने कमरे में चले गए. शाम 5 बजे तक महंत नरेंद्र गिरी कमरे से बाहर नहीं निकले. मध्यप्रदेश से कुछ भक्त गुरुमंत्र लेने आए थे, माना जा रहा था कि शाम को महंत नरेंद्र गिरि इन्हें गुरुमंत्र देंगे. शाम हो गई सभी लोग कमरे के बाहर महंत का इंतजार कर रहे थे. कमरा दो तरफ से खुलता था, लेकिन दोनों ही तरफ से अंदर से बंद पाया गया. काफी देर होने पर सेवादार सर्वेश द्विवेदी अन्य लोगों के साथ महंत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला.

महंत नरेंद्र गिरि के सेवादार सर्वेश द्विवेदी ने बताई पूरी स्टोरी

किसी अनहोनी के डर से सेवादारों ने दरवाजे को धक्का दिया. जिससे अंदर की कुंडी टूट गयी और दरवाजा खुल गया. अंदर जब वह लोग पहुंचे तो उन्होंने फंदे से महंत नरेंद्र गिरि का लटकता हुआ शव देखा. सेवादार सर्वेश द्विवेदी ने बताया कि उन लोगों ने रस्सी काटकर फंदे से महंत के शव को उतारा और पुलिस को घटना की जानकारी दी. सूचना के करीब 10 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घटना संज्ञान लिया. सेवादार के मुताबिक कमरे से सुसाइड नोट भी मिला जो करीब चार से पांच पन्नों का रहा होगा, उन्होंने उसे पढ़ा नहीं सीधे पुलिस को दे दिया.

बता दें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सुनते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी. उनके निधन के बाद महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि के बीच हुए विवाद की याद भी ताजा हो गई.

पुलिस के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ. सुसाइड नोट 6-7 पन्नों का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि के बारे में जिक्र है, जिसमें लिखा है - 'मैं सम्मान से जिया, अपमान से नहीं जी पाऊंगा इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं'

मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का यह पहला मामला नहीं है. दो साल पहले नवंबर महीने में भी अखाड़े के एक संत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. संत का शव उनके कमरे में मिला था. उन्हें गोली लगी थी. उनकी हथेली में पिस्टल फंसी थी और पास में ही खोखे बरामद किए गए थे. मामले में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.

पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि ने हफ्ते भर पहले भी किया था सुसाइड का प्रयास, आज आम जन कर सकेंगे अंतिम दर्शन

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