लखनऊः भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व संविधान के अच्छे जानकार केशरी नाथ त्रिपाठी का रविवार को प्रयागराज में सुबह निधन हो गया. उनका जन्म 10 नवंबर 1934 को प्रयागराज में हुआ था. केसरी नाथ त्रिपाठी की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज में हुई और इसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय व इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक व कानून की पढ़ाई की. उनका एक पुत्र नीरज त्रिपाठी इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता है. वहीं उनकी दो बेटी नमता त्रिपाठी व निधि त्रिपाठी हैं.केशरीनाथ त्रिपाठी शुरुआती दिनों में सामाजिक कार्य और राष्ट्रीय राजनीति में रुचि रखते थे.
वह शुरू में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे. 1953 में जन संघ द्वारा शुरू किए गए जम्मू-कश्मीर आंदोलन में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया और अन्य सामाजिक व राजनीतिक आंदोलनों में हिस्सा लेते रहे. उनकी राजनीतिक यात्रा इलाहाबाद की झूंसी विधानसभा क्षेत्र से 1970 में जनता पार्टी के विधायक के रूप में शुरू हुई थी. वह 5 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे और तीन बार विधानसभा के अध्यक्ष भी चुने गए. वह जुलाई 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे. इस बीच उनके पास बिहार, मेघालय व मिजोरम राज्यों के गवर्नर का भी अतिरिक्त प्रभार भी रहा.
पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. वह हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रहे और राजनेता होने के साथ साथ केशरी नाथ त्रिपाठी संविधान के अच्छे जानकार थे. बता दें उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष पद का 1991-1993, 1997-2002 और मई 2002 से मार्च 2004 तक कार्यभार संभाला था. 2014 में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था. 2019 तक वह राज्यपाल का कार्यकाल पूरा किया. पिछले काफी समय से उनकी तबीयत खराब चल रही थी. इसके बाद आज सुबह प्रयागराज में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने शोक व्यक्त किया है.
पढ़ेंः बीजेपी के वरिष्ठ नेता केशरी नाथ त्रिपाठी का निधन, सीएम व डिप्टी सीएम ने जताया शोक