प्रयागराज: नगर पंचायत भानपुर बस्ती के परिसीमन को लेकर कोर्ट में भ्रामक सूचनाएं देने के मामले में सचिव नगर विकास इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद अदालत में हाजिर हुए. उन्होंने समय पर जवाब दाखिल न कर पाने के लिए कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी.
सचिव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि अधिसूचना वापस लिए जाने संबंधी जानकारी विभागीय स्तर पर समय से अदालत तक न पहुंच पाने के कारण कोर्ट को सही जानकारी नहीं दी जा सकी. सचिव ने इसके लिए अदालत से माफी मांगी. मगर कोर्ट उनके द्वारा दाखिल हलफनामे से संतुष्ट नहीं थी. हलफनामे में इस बात का स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था कि इसके पूर्व कोर्ट द्वारा जारी तलबी आदेश के पालन में हाजिर क्यों नहीं हुए कोर्ट ने सचिव से यह भी पूछा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के कितने मामले चल रहे हैं. रवि पूछा कि क्यों ना इन सभी मामलों को उनकी ओर से किए गए मिसकंडक्ट मानते हुए उनकी सर्विस बुक में लाल स्याही से प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज कराने का आदेश क्यों न दिया जाए. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर सचिव को फिर से अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. बस्ती के गंगाराम की अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने दिया.
अधिवक्ता आरपी मिश्रा का कहना था नगर विकास विभाग ने नगर पंचायत भानपुर बस्ती का परिसीमन कराने के लिए अधिसूचना जारी की थी. इसमें याची के गांव का नाम भी अंतिम अधिसूचना में शामिल कर दिया गया। इसके खिलाफ दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने अधि सूचना के क्रियान्वयन पर रोक लगा रखी थी. नगर विकास विभाग की ओर से इस आशय का कोर्ट में हलफनामा दिया गया कि विभाग ने उक्त अधिसूचना वापस ले ली है. इस आधार पर कोर्ट पर अवमानना याचिका निस्तारित कर दी. मगर बाद में पता चला कि वह अधिसूचना वापस नहीं ली गई है और उसी के आधार पर परसीमन कराने की तैयारी है. इस मामले में हाईकोर्ट ने सचिव नगर विकास को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. 19 सितंबर 2022 को नोटिस की तामील हो जाने के बावजूद सचिव की ओर से पक्ष रखने के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ. इस पर कोर्ट ने उनके विरुद्ध जमानती वारंट जारी करते हुए 5 जनवरी को अदालत में तलब किया था. ओन्ली की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी.