प्रयागराज: जिले के श्रृंगवेरपुर घाट पर दफनाए गए शवों के ऊपर से सोमवार को चुनरी व चादरें हटाकर जला दी गई थी. इसके साथ ही कब्र की सुरक्षा के लिए लगाए गई लकड़ियों को हटाकर फेंक दिया गया था. इस पूरे घटना क्रम का वीडियो सामने आया तो संगम नगरी से लेकर लखनऊ व दिल्ली तक हड़कम्प मच गया. जहां विपक्षी पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुट गई हैं. वहीं जिला प्रशासन ने पूरे मामले की जांच का आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. हालांकि इस घाट पर जितनी कब्रों पर से कपड़े हटाए गए हैं. उससे ज्यादा क़ब्रें अभी भी कपड़ों से ढकी हुई दिख रही हैं.
दिन दहाड़े दो घाटों पर कब्रों से किसने नोंचे कपड़े
फाफामऊ और श्रृंगवेरपुर घाट पर दिनदहाड़े कई लोगों की टीम पहुंचती है और एक-एक कर कब्र के ऊपर लगे हुए चुनरी और चादरों को हटाने लगते हैं. इसके साथ ही उन लोगों ने कब्र के चारों तरफ गाड़ी गई, लकड़ियों को भी निकाल कर फेंक दिया.
ऐसा करने वालों को किसी ने रोका क्यों नहीं
जिस समय घाट पर बनी कब्रों के ऊपर से रामनामी चादर व चुनरी हटाई जा रही थी. वहां पर पुलिस वाले भी मौजूद थे, इसके अलावा घाटों पर दिन रात निगरानी करने वाली टीमें भी रही होंगी. ऐसे में कब्रों का अपमान करने वालों को किसी ने रोका क्यों नहीं, इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे रहा है. इसके साथ ही इस वीडियो में पुलिस वाले भी नजर आ रहे हैं, जिनकी मौजूदगी में यह सारा कृत्य हो रहा है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जब पुलिस और प्रशासन के लोगों की मौजूदगी में कुछ लोग अपमान जनक तरीके से क़ब्रों के ऊपर से कपड़े व लकड़ियां नोच रहे थे, तो उन्हें किसी ने रोका क्यों नहीं.
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जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया
डीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से लिखा है कि इस तरह का कृत्य करने वालों का पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और ऐसा उन्होंने क्यों किया इसका भी पता लगाया जाए. आपको बता दें कि इन घाटों पर शवों को दफनाने पर रोक लगा दी थी, जिसकी निगरानी के लिए घाटों पर पुलिस और प्रशासन की टीम को भी तैनात किया गया है. ऐसे में जिस वक्त कुछ लोग कब्रों के ऊपर से कपड़े और लकड़ियां नोंच रहे थे तो यह टीम कहां थी और घाट पर मौजूद पुलिस वालों ने उन लोगों को ऐसा करने से क्यों नहीं रोका. यह ऐसे सवाल है, जिसका जवाब कोई नहीं दे रहा है. वहीं श्रृंगवेरपुर घाट पर मौजूद लेखपाल ने यह माना कि घाट पर कुछ लोगों ने कब्रों के ऊपर से कपड़े हटाए हैं, लेकिन वह कौन थे और उन्होंने ऐसा क्यों किया इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.
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नदी के तट तक जाने वाली चकर्ड प्लेट वाली सड़क भी हटाई गई
बुधवार को दिन में श्रृंगवेरपुर घाट तक जाने वाली चकर्ड प्लेटों को भी हटवाने का कार्य किया जा रहा था. अचानक से चकर्ड प्लेटें क्यों हटाई जा रही है, इसको लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं. चकर्ड प्लेटों को अभी से हटा लेने की वजह से शव लेकर लोगों को चिता तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. जिस रेती में लोग सीधे पैदल भी नहीं चल पाते हैं, वहां पर अर्थी को ले जाना लोगों के लिए काफी मुश्किल होने वाला है.
निष्पक्ष जांच न होने की आशंका
वहीं घाट पर आने वाले लोगों में कब्रों के ऊपर से कपड़े और लकड़ियां हटाने से आक्रोश है. लोग इस घटना की जमकर निंदा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कब्रों की संख्या कम दिखाने का प्रयास कर रही है. घाट पर पहुंचने वाले लोगों में इस बात से नाराजगी है कि कब्रों का अपमान करते हुए उनके ऊपर से कपड़े और लकड़ियां हटाई गई, जिसके जरिए लोगों की परंपरा और धर्म को ठेस पहुंचाया गया है. जिला प्रशासन द्वारा दिए गए जांच के आदेश पर भी कुछ लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. उनका कहना है कि दिनदहाड़े जिस तरह से यह कृत्य हुआ है. उससे साफ लगता है कि ये सब प्रशासन की मिलीभगत से हुआ है. ऐसे में पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होना मुश्किल है.