प्रयागराज: रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिया गया बयान लगातार तुल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में एक बार फिर बुधवार को माघ मेले से जाते-जाते साधु संतों ने कहा कबीर और रहीम की लिखी गई पंक्तियों का अगर वह जवाब दें देंगे तो सन्यास छोड़क जल समाधि लेलेंगे.
प्रयागराज धर्म और आस्था की नगरी में लगने वाले माघ मेला भले ही समाप्ति की ओर है. लेकिन जाते-जाते साधु संतों ने अपनी कड़ी नाराजगी दिखाते हुए कहा आने वाली शिवरात्रि तक स्वामी प्रसाद मौर्या को सद्बुद्धि ले लेनी चाहिए नहीं तो साधू संत इनको सदन तक नहीं जाने देंगे. एकजुट होकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे. जाते-जाते कुछ संतो ने कहा कि इनको अपने आप को न्यूरो सर्जन को दिखाना चाहिए.
इसके साथ ही साधु संतों ने स्वामी प्रसाद मौर्य को नाराजगी और चेतावनी देते हुए कहा कि चौपाई में ताड़ना का मतलब देखना भी होता है. जानना भी होता है. इसका गलत अर्थ नहीं निकालना चाहिए. कबीर और रहीम की सारी पंक्तियां हम साधु-संतों के सामने रखी जाएं, क्योंकि कबीर और रहीम की पंक्तियों के पढ़ने का साहस इनमें नहीं है. अगर पढ़ लेंगे तो इनकी बयान बाजी बंद हो जाएगी. इन नेताओं को सदन नहीं जाने दूंगा और पूरे देश के साधु-संतों को लामबंद करूंगा. देश के कोने-कोने में जाऊंगा और बताऊंगा कि राम ने शबरी के झूठे बेर खाएं हैं. कुछ साधुओं ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या एक बंद दुकान है, जो अपनी दुकान को खोलना चाहते हैं. किसी अच्छे मनोचिकित्सक से सलाह लेकर अपनी जांच कराएं.
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