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प्रयागराज की अनोखी रामलीला, यहां रावण के जन्म से शुरू होती है रामकथा - Katra Ramleela organized

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की कटरा रामलीला का इतिहास सबसे पुराना है. यहां रामलीला की शुरुआत राम के जन्म से नहीं बल्कि रावण के जन्म से शुरू होती है. यह रामलीला पूरे देश में प्रसिद्ध है.

राम नहीं रावण के जन्म से शुरू होती है रामकथा
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Published : Oct 2, 2019, 1:00 PM IST

प्रयागराज: देश में नवरात्र और दशहरा उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. एक तरफ मां जगदम्बे की पूरे नौ दिन पूजा होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दशहरा उत्सव को लेकर रामलीला का मंचन शुरू हो गया है. जिले में कटरा रामलीला की शुरुआत राम के जन्म से नहीं बल्कि रावण के जन्म से होती है. रामलीला में सबसे पुराना इतिहास कटरा रामलीला का है. कहा जाता है कि अंग्रेजों के जमाने से यहां रामलीला का आयोजन किया जा रहा है.

राम नहीं रावण के जन्म से शुरू होती है रामकथा.
रावण की होती है विशेष पूजा
कटरा रामलीला का पुराना इतिहास है. इसका आयोजन वर्षों से बड़े ही धूमधाम से किया जाता है. यहां की रामलीला में रावण की विशेष पूजा की जाती है. इसलिए रामकथा की शुरुआत रावण के जन्म से ही होती है. यह रामलीला पूरे देश में प्रसिद्ध है, जहां रावण के सभी भाइयों के जन्म से रामकथा की शुरुआत की जाती है. उसके बाद राम का जन्म होता है. कटरा रामलीला में रावण की विशेष पूजा और उनकी महत्वा को लोगों तक पहुंचने के लिए यहां रावण का पूरा सम्मान किया जाता है.
मंचन देखने दूर-दूर से आते हैं दर्शक
पूरा कटरा क्षेत्र ऋषि मुनि भारद्वाज आश्रम से जुड़ा हुआ है. भारद्वाज मुनि के रावण नाती थे. इसी वजह से रावण का सम्मान कमेटी आज भी करती है. इस बार रामकथा का आयोजन भव्य रूप से किया जा रहा है. दर्शकों को नए कलेवर में रामकथा को दिखाया जा रहा है. हर दिन विशेष रूप से रामकथा का मंचन किया जा रहा है. रामलीला का मंचन देखने के लिए दूर-दूर से दर्शक आते हैं.
यह भी पढ़ें: तृतीय नवरात्रि: मां चंद्रघंटा की पूजा से बढ़ती है शक्ति और वीरता, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

पूरा कटरा क्षेत्र ऋषि मुनि भारद्वाज आश्रम से जुड़ा हुआ है. भारद्वाज मुनि के रावण नाती थे. इसी वजह से रावण के सम्मान में रावण के जन्म से रामलीला की शुरुआत होती है.
-सुधीर गुप्ता, कटरा रामलीला अध्यक्ष

प्रयागराज: देश में नवरात्र और दशहरा उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. एक तरफ मां जगदम्बे की पूरे नौ दिन पूजा होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दशहरा उत्सव को लेकर रामलीला का मंचन शुरू हो गया है. जिले में कटरा रामलीला की शुरुआत राम के जन्म से नहीं बल्कि रावण के जन्म से होती है. रामलीला में सबसे पुराना इतिहास कटरा रामलीला का है. कहा जाता है कि अंग्रेजों के जमाने से यहां रामलीला का आयोजन किया जा रहा है.

राम नहीं रावण के जन्म से शुरू होती है रामकथा.
रावण की होती है विशेष पूजा
कटरा रामलीला का पुराना इतिहास है. इसका आयोजन वर्षों से बड़े ही धूमधाम से किया जाता है. यहां की रामलीला में रावण की विशेष पूजा की जाती है. इसलिए रामकथा की शुरुआत रावण के जन्म से ही होती है. यह रामलीला पूरे देश में प्रसिद्ध है, जहां रावण के सभी भाइयों के जन्म से रामकथा की शुरुआत की जाती है. उसके बाद राम का जन्म होता है. कटरा रामलीला में रावण की विशेष पूजा और उनकी महत्वा को लोगों तक पहुंचने के लिए यहां रावण का पूरा सम्मान किया जाता है.
मंचन देखने दूर-दूर से आते हैं दर्शक
पूरा कटरा क्षेत्र ऋषि मुनि भारद्वाज आश्रम से जुड़ा हुआ है. भारद्वाज मुनि के रावण नाती थे. इसी वजह से रावण का सम्मान कमेटी आज भी करती है. इस बार रामकथा का आयोजन भव्य रूप से किया जा रहा है. दर्शकों को नए कलेवर में रामकथा को दिखाया जा रहा है. हर दिन विशेष रूप से रामकथा का मंचन किया जा रहा है. रामलीला का मंचन देखने के लिए दूर-दूर से दर्शक आते हैं.
यह भी पढ़ें: तृतीय नवरात्रि: मां चंद्रघंटा की पूजा से बढ़ती है शक्ति और वीरता, जानें पूजा विधि, मंत्र और भोग

पूरा कटरा क्षेत्र ऋषि मुनि भारद्वाज आश्रम से जुड़ा हुआ है. भारद्वाज मुनि के रावण नाती थे. इसी वजह से रावण के सम्मान में रावण के जन्म से रामलीला की शुरुआत होती है.
-सुधीर गुप्ता, कटरा रामलीला अध्यक्ष

Intro:प्रयागराज: देश का ऐसा अनोखा रामलीला जहां पहले राम का नहीं रावण के जन्म से शुरू होती है रामकथा

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सुमित यादव

प्रयागराज: देश मे चारों तरफ नवरात्रि और दशहरा उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. एक तरफ मां जगदम्बे की पूरे नवदिन पूजा पाठ होता है तो वही दूसरी तरफ दशहरा उत्सव को लेकर रामलीला का मंचन शरू हो गया है. लेकिन प्रयागराज में स्थित कटरा रामलीला में की शुरुआत राम के जन्म से नहीं बल्कि रावण के जन्म से शरू होती है. प्रयागराज में होने वाले रामलीला में सबसे पुराना इतिहास कटरा रामलीला का है. कहा जाता है कि अंग्रेजों के जमाने में यहां रामलीला का आयोजन किया जा रहा है.


Body:देश में प्रसिद्ध है कटरा रामलीला

कटरा रामलीला कमेठी के अध्यक्ष सुधीर गुप्ता जानकारी देते हुए बताया कि कटरा रामलीला का पुराना इतिहास है. इसका आयोजन वर्षों से बड़े ही धूमधाम से किया जाता है. यहां की रामलीला में रावण का विशेष पूजा पाठ किया जाता है. इसलिए रामकथा के शुरुआत ही रावण के जन्म से होती है. यह रामलीला पूरे देश में प्रसिद्ध है जहाँ रावण के सभी भाइयों जन्म से रामकथा की शुरुआत की जाती है. उसके बाद राम के जन्म होती है. कटरा रामलीला में रावण विशेष पूजा और उनकी महत्वा को लोगों तक पहुंचने के लिए यहां रावण का पूरा सम्मान किया जाता है.


Conclusion:बुद्धिमान और शक्तिशाली पुरूष थे रावण

कटरा रामलीला के अध्यक्ष सुधीर गुप्ता जानकारी देते हुए बताया कि पूरा कटरा क्षेत्र ऋषि मुनि भरतद्वाज आश्रम से जुड़ा हुआ है. भरतद्वाज मुनि के रावण नाती थे. इसी वजह रावण का सम्मान कमेठी आज भी करती है. इस रामकथा बहुत भव्य रूप से किया जा रहा है. दर्शकों को नए कलेवर में रामकथा को दिखाया जा रहा है. हर दिन विशेष रूप से रामकथा का मंचन किया जा रहा है. रामलीला का मंचन देखने के लिए दूर-दूर से दर्शक आते हैं.

बाईट- सुधीर गुप्ता, कटरा रामलीला अध्यक्ष
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