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जन्मभूमि की मिट्टी से बनेगा कर्मभूमि पर शहीद हुए सैनिकों का स्मारक

पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए अगले साल उनके गांव की मिट्टी से भव्य स्मारक बनाया जाएगा. इसके लिए पेशे से म्यूजिकल आर्टिस्ट और शिक्षक गोपीनाथ भारत भ्रमण निकल पड़े हैं. मंगलवार को वह प्रयागराज पहुंचे और शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंचकर उनके शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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Published : Oct 30, 2019, 10:36 AM IST

उमेश गोपीनाथ 9 अप्रैल 2019 से भारत भ्रमण पर निकले हैं.

प्रयागराज: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए अगले साल उनके गांव की मिट्टी से भव्य स्मारक बनाया जाएगा. यह एक बार सुनने में अटपटा तो जरूर लग रहा होगा, लेकिन इसे सच करने के लिए बेंगलुरु के उमेश गोपीनाथ अपनी अनूठी यात्रा पर निकल पड़े हैं. पेशे से म्यूजिकल आर्टिस्ट और शिक्षक उमेश गोपीनाथ 9 अप्रैल 2019 से भारत भ्रमण पर निकले हैं. वह पूरे राज्यों का भ्रमण करते हुए अपनी यात्रा जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी 2020 को समाप्त करेंगे.

उमेश गोपीनाथ 9 अप्रैल 2019 से भारत भ्रमण पर निकले हैं.

अपनी इस यात्रा के दौरान गोपीनाथ भारत के हर राज्य से वहां की मिट्टी लेंगे. साथ ही पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के गांव जाकर उनके परिवार से मिलेंगे और उनके परिवार के लोगों के हाथ से वह मिट्टी एकत्रित करेंगे. वहीं अपनी इस यात्रा के दौरान मंगलवार को उमेश गोपीनाथ प्रयागराज पहुंचे और अगले दो दिनों तक यहां पर वह शहीद के गांव जाएंगे.

शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंचे
अपने इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए मंगलवार को उन्होंने शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंचकर उनके शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की और आसपास में मौजूद लोगों से वहां की मिट्टी ली. इसके अलावा फांसी इमली चौक स्थित नीम का पेड़, जहां पर अंग्रेजों के द्वारा 600 से अधिक लोगों को 1857 की क्रांति के दौरान फांसी दी गई थी, वहां पर मौजूद लोगों से उन्होंने मुलाकात की और उनसे उस स्थल की मिट्टी ली. प्रयागराज में उनके इस अभियान को लोगों ने खूब सराहा है और उनकी कामयाबी के लिए अपना योगदान देने की बात भी कही.

कई राज्यों में अभियान के लिए पहुंचे
शहीदों के नाम स्मारक बनाने के लिए निकले गोपीनाथ अभी तक बेंगलुरु, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, पांडिचेरी, महाराष्ट्र, राजस्थान और अब उत्तर प्रदेश में वह इस अभियान के लिए पहुंचे हैं. उमेश गोपीनाथ अपनी यात्रा के बारे में जिक्र करते हुए कहते हैं कि इसके माध्यम से भारत में एक संदेश देना है कि हमारा भारत एक है.

कर्मभूमि और जन्मभूमि की मिट्टी से बनेगा स्मारक
उन्होंने बताया कि हमारी यात्रा बेंगलुरु के सीआरपीएफ कैंप से शुरू हुई थी तो मेरी एक ही तमन्ना थी कि जो सैनिक हमारे लिए अपने प्राण देने से पीछे नहीं हटते हम उनके जन्मभूमि और कर्मभूमि की मिट्टी एकत्रित कर एक स्मारक बनाएंगे, जिससे उस स्मारक के पास पहुंचने वाले लोग यह जानें कि हमारे सारे शहीद यहीं पर हैं.

प्रयागराज: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए अगले साल उनके गांव की मिट्टी से भव्य स्मारक बनाया जाएगा. यह एक बार सुनने में अटपटा तो जरूर लग रहा होगा, लेकिन इसे सच करने के लिए बेंगलुरु के उमेश गोपीनाथ अपनी अनूठी यात्रा पर निकल पड़े हैं. पेशे से म्यूजिकल आर्टिस्ट और शिक्षक उमेश गोपीनाथ 9 अप्रैल 2019 से भारत भ्रमण पर निकले हैं. वह पूरे राज्यों का भ्रमण करते हुए अपनी यात्रा जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी 2020 को समाप्त करेंगे.

उमेश गोपीनाथ 9 अप्रैल 2019 से भारत भ्रमण पर निकले हैं.

अपनी इस यात्रा के दौरान गोपीनाथ भारत के हर राज्य से वहां की मिट्टी लेंगे. साथ ही पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के गांव जाकर उनके परिवार से मिलेंगे और उनके परिवार के लोगों के हाथ से वह मिट्टी एकत्रित करेंगे. वहीं अपनी इस यात्रा के दौरान मंगलवार को उमेश गोपीनाथ प्रयागराज पहुंचे और अगले दो दिनों तक यहां पर वह शहीद के गांव जाएंगे.

शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंचे
अपने इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए मंगलवार को उन्होंने शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंचकर उनके शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की और आसपास में मौजूद लोगों से वहां की मिट्टी ली. इसके अलावा फांसी इमली चौक स्थित नीम का पेड़, जहां पर अंग्रेजों के द्वारा 600 से अधिक लोगों को 1857 की क्रांति के दौरान फांसी दी गई थी, वहां पर मौजूद लोगों से उन्होंने मुलाकात की और उनसे उस स्थल की मिट्टी ली. प्रयागराज में उनके इस अभियान को लोगों ने खूब सराहा है और उनकी कामयाबी के लिए अपना योगदान देने की बात भी कही.

कई राज्यों में अभियान के लिए पहुंचे
शहीदों के नाम स्मारक बनाने के लिए निकले गोपीनाथ अभी तक बेंगलुरु, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, पांडिचेरी, महाराष्ट्र, राजस्थान और अब उत्तर प्रदेश में वह इस अभियान के लिए पहुंचे हैं. उमेश गोपीनाथ अपनी यात्रा के बारे में जिक्र करते हुए कहते हैं कि इसके माध्यम से भारत में एक संदेश देना है कि हमारा भारत एक है.

कर्मभूमि और जन्मभूमि की मिट्टी से बनेगा स्मारक
उन्होंने बताया कि हमारी यात्रा बेंगलुरु के सीआरपीएफ कैंप से शुरू हुई थी तो मेरी एक ही तमन्ना थी कि जो सैनिक हमारे लिए अपने प्राण देने से पीछे नहीं हटते हम उनके जन्मभूमि और कर्मभूमि की मिट्टी एकत्रित कर एक स्मारक बनाएंगे, जिससे उस स्मारक के पास पहुंचने वाले लोग यह जानें कि हमारे सारे शहीद यहीं पर हैं.

Intro:अगले साल जम्मू कश्मीर में पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए उनके गांव की मिट्टी से भव्य स्मारक बनाया जाएगा। यह एक बार अटपटा तो जरूर लग रहा है लेकिन इसे सच करने के लिए बेंगलुरु एक युवक इसे साकार करने के लिए अपनी अनूठी यात्रा पर निकला है पैसे से म्यूजिकल आर्टिस्ट व शिक्षक उमेश गोपीनाथ पिछले नौ अप्रैल 2019 से भारत भ्रमण पर निकले हैं। वह पूरे राज्यों का भ्रमण करते हुए अपनी यात्रा जम्मू कश्मीर में 14 फरवरी 2020 को समाप्त करेंगे।


Body:अपनी इस यात्रा के दौरान गोपीनाथ भारत के हर राज्य से वहां की मिट्टी लेंगे साथ ही साथ पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के गांव जाकर उनके परिवार से मिलेंगे और उनके परिवार के लोगों के हाथ से वह मिट्टी एकत्रित करेंगे। वह अपनी इस यात्रा के दौरान आज वह प्रयागराज पहुंचे हैं और अगले दो दिनों तक यहां पर वह शहीद के गांव जाएंगे। अपने इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए आज उन्होंने शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंचकर उनके शहीद स्थल पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और आसपास में मौजूद लोगों से वहां की मिट्टी लिंक इसके अलावा फांसी इमली चौक स्थित नीम का पेड़ जहां पर अंग्रेजो के द्वारा 600 से अधिक लोगों को 18 57 की क्रांति के दौरान फांसी दी गई थी वहां पर मौजूद लोगों से उन्होंने मुलाकात की और उसे उस स्थल की मिट्टी ली। प्रयागराज में उनके इस अभियान को लोगों ने खूब सराहा है और उनकी कामयाबी के लिए अपना योगदान देने की बात भी कही।


Conclusion:शहीदों के नाम स्मारक बनाने के लिए निकले गोपीनाथ अभी तक बेंगलुरु केरल तमिलनाडु आंध्र प्रदेश तेलंगाना गोवा पांडिचेरी महाराष्ट्र राजस्थान और अब उत्तरप्रदेश में वह इस अभियान के लिए पहुंचे हैं वह यहां पर पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के गांव जाकर मिट्टी एकत्रित करेंगे। गोपीनाथ अपनी यात्रा के बारे में जिक्र करते हुए कहते हैं थी इसके माध्यम से भारत में एक संदेश देना है कि हमारा भारत एक है । उन्होंने बताया कि हमारी यात्रा बेंगलुरु के सीआरपीएफ कैंप से शुरू हुई थी तो मेरी एक ही तमन्ना थी कि जो सैनिक हमारे लिए अपने प्राण देने से पीछे नहीं हटते हम उनके जन्मभूमि और कर्मभूमि की मिट्टी एकत्रित कर एक स्मारक बनाएंगे जिससे उस स्मारक के पास पहुंचने वाले लोग यह जाने कि हमारे सारे शहीद यहीं पर हैं।

बाईट: उमेश गोपीनाथ जाधव

बाईट: रविशंकर मिश्र योग ट्रेनर प्रतिक्रिया

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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