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नाव तोड़े जाने से नाराज नाविकों ने लगाया जाम, शासन से की ये मांग

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Published : Feb 8, 2021, 1:08 PM IST

प्रयागराज में किसानों और बालू खनन मजदूरों ने प्रशासन के खिलाफ जनसभा की. इसके बाद किसानों और बालू खनन मजदूरों ने रैली निकाल कर घूरपुर लालापुर मार्ग पर जाम लगा दिया.

सौंपा गया 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन
सौंपा गया 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन

प्रयागराज: अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के बैनर तले किसानों और बालू खनन मजदूरों ने एक जनसभा की. साथ ही रैली निकाल कर घूरपुर लालापुर मार्ग पर जाम लगा दिया. मजदूरोंं ने सभा में प्रशासन की 4 फरवरी को बसवार गांव के नाविकों पर की गई कार्रवाई के खिलाफ आवाज बुलंद की. संगठन के पदाधिकारियों ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की बात भी कही गई है.

मजदूर करेंगे चक्का जाम
11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा

इस मामले में राज्यपाल के नाम संबोधित 11 सूत्री ज्ञापन उपजिलाधिकारी बारा को सौंपा गया. इसमें 24 जून 2019 को नाव से यमुना नदी से बालू निकालने पर लगाई गई रोक समाप्त करने की मांग की गई है.

सब जगह हो रहा बालू का खनन

मजदूरों का कहना है कि यमुना नदी में बालू खनन केवल प्रयागराज जनपद में ही बंद किया गया है. फतेहपुर, कौशांबी, चित्रकूट जनपदों में यमुना नदी से बड़े पैमाने पर मशीनों से बालू खनन किया जा रहा है. इस पर प्रदेश सरकार रोक नहीं लगा रही है. केवल नावों से ही बालू निकालने पर पर्यावरण क्षरण हो रहा है, तो मशीनों से बालू निकालने पर पर्यावरण का नुकसान क्यों नहीं होता. मशीनों से बालू निकालने पर रोक लगाने की मांग को भी 11 सूत्री मांगों में प्रमुखता से रखा गया है.

मांग नहीं मानीं तो लगा देंगे जाम

अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष राम कैलाश कुशवाहा ने बताया कि यदि सरकार उनकी मांगों को मानते हुए बालू खनन का कार्य फिर से नाविकों से कराने की घोषणा नहीं करती, तो वे 10 दिन बाद राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम लगाना शुरू कर देंगे. इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. वो लोग राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम करते हुए अपनी मांगों को मनवाने का प्रयास करेंगे.

सुरक्षा के किए गए थे इंतजाम

इस रैली में सैकड़ों महिलाएं, पुरुष और बच्चे हाथों में झंडे, बैनर, स्लोगन लेकर शामिल हुए. सुरक्षात्मक की दृष्टि से घूरपुर थाना प्रभारी ने आसपास के कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ दो प्लाटून पीएसी भी बुला ली थी.

प्रयागराज: अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के बैनर तले किसानों और बालू खनन मजदूरों ने एक जनसभा की. साथ ही रैली निकाल कर घूरपुर लालापुर मार्ग पर जाम लगा दिया. मजदूरोंं ने सभा में प्रशासन की 4 फरवरी को बसवार गांव के नाविकों पर की गई कार्रवाई के खिलाफ आवाज बुलंद की. संगठन के पदाधिकारियों ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की बात भी कही गई है.

मजदूर करेंगे चक्का जाम
11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा

इस मामले में राज्यपाल के नाम संबोधित 11 सूत्री ज्ञापन उपजिलाधिकारी बारा को सौंपा गया. इसमें 24 जून 2019 को नाव से यमुना नदी से बालू निकालने पर लगाई गई रोक समाप्त करने की मांग की गई है.

सब जगह हो रहा बालू का खनन

मजदूरों का कहना है कि यमुना नदी में बालू खनन केवल प्रयागराज जनपद में ही बंद किया गया है. फतेहपुर, कौशांबी, चित्रकूट जनपदों में यमुना नदी से बड़े पैमाने पर मशीनों से बालू खनन किया जा रहा है. इस पर प्रदेश सरकार रोक नहीं लगा रही है. केवल नावों से ही बालू निकालने पर पर्यावरण क्षरण हो रहा है, तो मशीनों से बालू निकालने पर पर्यावरण का नुकसान क्यों नहीं होता. मशीनों से बालू निकालने पर रोक लगाने की मांग को भी 11 सूत्री मांगों में प्रमुखता से रखा गया है.

मांग नहीं मानीं तो लगा देंगे जाम

अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष राम कैलाश कुशवाहा ने बताया कि यदि सरकार उनकी मांगों को मानते हुए बालू खनन का कार्य फिर से नाविकों से कराने की घोषणा नहीं करती, तो वे 10 दिन बाद राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम लगाना शुरू कर देंगे. इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. वो लोग राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम करते हुए अपनी मांगों को मनवाने का प्रयास करेंगे.

सुरक्षा के किए गए थे इंतजाम

इस रैली में सैकड़ों महिलाएं, पुरुष और बच्चे हाथों में झंडे, बैनर, स्लोगन लेकर शामिल हुए. सुरक्षात्मक की दृष्टि से घूरपुर थाना प्रभारी ने आसपास के कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ दो प्लाटून पीएसी भी बुला ली थी.

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