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नैनी सेंट्रल जेल में खुला PCO, कैदी कर रहे परिजनों से बात

प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया अभियान के तहत नैनी सेंट्रल जेल ने पीसीओ (PCO) खोला गया है. इसके माध्यम से जेल प्रशासन वीडियो कॉलिंग के जरिए कैदियों को उनके परिजनों से बात करा रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते जेल में मिलने पर रोक लगा दिए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है.

नैनी सेंट्रल जेल.
नैनी सेंट्रल जेल.
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Published : Nov 24, 2020, 5:35 PM IST

प्रयागराजः कोरोना संक्रमण के चलते नैनी सेंट्रल जेल में मुलाकात पर रोक है. ऐसे में बंदियों के लिए एक राहत दी गई है. राहत ऐसी की अब बंदी अपने घर के हर सदस्य से बात कर सकें और उनको देख भी सकें. इसके लिए जेल में बंदियों के लिए पीसीओ (PCO) सेंटर खोला गया है. इस सेंटर के जरिए कैदी परिजनों और रिश्तेदारों से बात कर रहे हैं.

जानकारी देते जेल अधीक्षक.

कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंदी अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहे थे. बंदियों को सहूलियत देते हुए नैनी सेंट्रल जेल में पीसीओ खोला गया है. इस पीसीओ में 5 फोन और लैपटॉप रखे गए हैं. जिससे बंदियों को बात कराया जा रहा है. इसकी देख रेख डिप्टी जेलर की निगरानी में होती है.

अगर नैनी जेल में कैदियों की संख्या की बात करें तो 4500 बंदी यहां निरुद्ध हैं. जिनको हफ्ते में 4 दिन बात करने की सुविधा दी जा रही है. इस सुविधा के शुरू होने से अब कोई भी बंदी अपने परिजन से किसी भी आपात स्थिति और शादी या किसी भी त्योहार में बात कर सकते हैं. इस सुविधा से बंदियों में खुशी का माहौल है.

जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि डिजिटल माध्यमों से बात कराने का उद्देश्य यह है कि कैदियों में कोई डिप्रेशन का शिकार न हो. वो अपने परिवार से दूर हैं. साथ ही जो कैदी अपने वकील से सलाह लेना चाहें वो ले सकें. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते जेल में मिलने पर रोक लगा दी गई है.

प्रयागराजः कोरोना संक्रमण के चलते नैनी सेंट्रल जेल में मुलाकात पर रोक है. ऐसे में बंदियों के लिए एक राहत दी गई है. राहत ऐसी की अब बंदी अपने घर के हर सदस्य से बात कर सकें और उनको देख भी सकें. इसके लिए जेल में बंदियों के लिए पीसीओ (PCO) सेंटर खोला गया है. इस सेंटर के जरिए कैदी परिजनों और रिश्तेदारों से बात कर रहे हैं.

जानकारी देते जेल अधीक्षक.

कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंदी अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहे थे. बंदियों को सहूलियत देते हुए नैनी सेंट्रल जेल में पीसीओ खोला गया है. इस पीसीओ में 5 फोन और लैपटॉप रखे गए हैं. जिससे बंदियों को बात कराया जा रहा है. इसकी देख रेख डिप्टी जेलर की निगरानी में होती है.

अगर नैनी जेल में कैदियों की संख्या की बात करें तो 4500 बंदी यहां निरुद्ध हैं. जिनको हफ्ते में 4 दिन बात करने की सुविधा दी जा रही है. इस सुविधा के शुरू होने से अब कोई भी बंदी अपने परिजन से किसी भी आपात स्थिति और शादी या किसी भी त्योहार में बात कर सकते हैं. इस सुविधा से बंदियों में खुशी का माहौल है.

जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि डिजिटल माध्यमों से बात कराने का उद्देश्य यह है कि कैदियों में कोई डिप्रेशन का शिकार न हो. वो अपने परिवार से दूर हैं. साथ ही जो कैदी अपने वकील से सलाह लेना चाहें वो ले सकें. उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते जेल में मिलने पर रोक लगा दी गई है.

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