प्रयागराज: मां दुर्गा की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्रि आज से प्रारंभ हो गई है. प्रथम दिन मठ-मंदिरों और घरों में घट स्थापना के साथ मैया शैलपुत्री की पूजा की गई. वहीं, अलोप शंकरी, ललिता देवी और मां कल्याणी देवी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की दर्शन पूजा करने की भीड़ रही. कई ज्योतिषाचार्य का मानना है कि मां दुर्गा इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी. यह अत्यंत उत्तम है. इससे साधकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी. इन नौ दिनों में अलग-अलग देवी दुर्गा के चमत्कारी मंत्रों का जाप करने से हर कोई अपने कष्ट को इस बार दूर कर सकता है.
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन आज संगम नगरी के देवी मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. प्रयागराज की शक्तिपीठ अलोप शंकरी ललिता देवी समेत दूसरे देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लग गया. लोग देवी मां के दर्शन-पूजन कर उनसे अपनी कामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद ले रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन शक्तिपीठ कल्याणी देवी, ललिता देवी मंदिर और अलोप शंकरी समेत दूसरे देवी मंदिरों में शैलपुत्री रूप में मां का श्रृंगार किया गया. देवी मां अपने इस स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हुए उनका कल्याण करती हैं.
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शहर के दक्षिण दिशा में यमुना नदी के तट के निकट मीरापुर मोहल्ले में महाशक्ति पीठ ललिता देवी का प्राचीन मंदिर स्थित है. इस मंदिर का विशेष महात्म्य है. मान्यता है कि मां का यह मंदिर पौराणिक काल से स्थित है. साथ ही ये भी मान्यता है कि पवित्र संगम में स्नान के पश्चात इस महाशक्ति पीठ में दर्शन-पूजन से भक्तों की मनोकामना पूरी होती हैं. ललिता देवी के दिव्य स्वरूप का दर्शन-पूजन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं.
ज्योतिषाचार्य हरि कृष्ण शुक्ल का कहना है कि देश में फैली तमाम तरह की महामारी, बीमारी सहित फैली अशांति के लिए देवी के पूजन के विशेष संयोग बन रहे हैं. इस बार चमत्कारी दुर्गा के मंत्रों से लोग अपने कष्टों को हर सकते हैं. अलग-अलग कष्टों के अलग-अलग दुर्गा के स्वरूप के लिए मंत्र हैं. जैसे जीवन में खुशियां पाने के लिए प्रणतानंम प्रसीद त्वम देवि विस्यंवातिहारिणी त्रिलोक्यवासीमामीदये लोकांना वरदा !!108 बार जाप प्रतिदिन करें.
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