प्रयागराज : नगर निगम फाफामऊ घाट पर दफन किए गए शवों को कब्र से निकालकर अंतिम संस्कार करा रहा है. बुधवार को 18 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, इनमें से 17 शव कब्र से निकाले गए थे. फाफामऊ घाट पर अभी तक 65 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.
इसे भी पढ़ें-रेती में दफनाए गए शवों तक पहुंचा गंगा का पानी
कोरोना काल में प्रयागराज का फाफामऊ अंतराराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया था. वहां रेत में दफनाए गए शवों की तस्वीर कई अखबारों और मैगजीन की कवर फोटो के तौर लगाई गई थी. इसके बाद नगर निगम ने दफनाए गए शवों के ऊपर रखी गए रामनाम की गेरुआ चादर को हटवा दिया था. इसके बाद प्रशासन और सरकार की काफी किरकिरी हुई थी. मॉनसून के दस्तक देते के बाद एक बार फिर इन शवों के उतराने की आशंका बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि जब गंगा अपने शबाब पर होती है तो सभी घाट पानी में डूब जाते हैं. इस हालात से निपटने के लिए प्रयागराज नगर निगम दफनाए गए शवों का वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करा रहा है.
इसे भी पढ़ें-हकीकत आई सामने तो शवों पर डालने लगे मिट्टी का 'पर्दा'
नगर निगम के जोनल अफसर नीरज कुमार सिंह का कहना है कि उनकी टीमें लगातार घाट की निगरानी कर रही है. नदी में कटान हो रहा है, इसलिए शवों को चिताओं पर रखकर अंतिम संस्कार किया जाता है. मंगलवार तक कब्र से निकाले गए 47 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. बुधवार में ज्यादा कटान होने की वजह से 17 शवों को जमीन से निकाला गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान एक शव गंगा में उतराता हुआ मिला, उसका भी अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के दौरान वैदिक रीति रिवाज का पालन किया जा रहा है. शवों को मंत्रोच्चार के साथ मुखाग्नि दी जा रही है. जोनल अधिकारी खुद इन शवों को मुखाग्नि देते हैं.