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जापान में बिछाई जाएगी संगम नगरी में बनी मूंज की चटाई, पांच सौ कारीगर कर रहे तैयार - प्रयागराज मूंज उत्पाद

प्रयागराज जनपद के मूंज उत्पाद को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (One District One Product) के तहत चुना गया है. यहां मूंज कारीगरों से चटाई को बनवाकर उसे जापान में निर्यात करने की प्लानिंग है.

प्रयागराज में मूंज से तैयार प्रोडक्ट
प्रयागराज में मूंज से तैयार प्रोडक्ट
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Published : Dec 15, 2022, 7:41 PM IST

प्रयागराज में मूंज के प्रोडक्ट बनाते कारीगर और जानकारी देतीं सहायक आयुक्त उद्योग जय श्री तिवारी.

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज (Sangam city Prayagraj)के मूंज उत्पाद को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (One District One Product) के तहत चुना गया है. यहां बनाये गए मूंज के उत्पाद को दूसरे जिले प्रदेश तक भेजा जा रहा है. इसके साथ ही मूंज से चटाई बनाये जाने की सरकार ने योजना बनायी है. मूंज कारीगरों से चटाई को बनवाकर उसे जापान में निर्यात करने की प्लानिंग है. सब कुछ सही राह तो आने वाले दिनों में नैनी इलाके में बनायी जा रही मूंज की चटाई को जापान में बिछाई जाएगी.

निर्यात करने की तैयारी
प्रयागराज में मूंज से तैयार प्रोडक्ट



जानकारी के अनुसार जापान में चटाई का इस्तेमाल औसतन सबसे ज्यादा किया जाता है. वहां के लोग बेड की जगह चटाई का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. जिला उद्योग विभाग की तरफ से मूंज कारीगरों को अन्य उत्पादों के साथ ही मूंज की चटाई बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के जरिये मूंज कारीगरों को अन्य उत्पादों के साथ ही चटाई बनाने के लिए भी अब प्रोत्सहित किया जा रहा है. मूंज की चटाई जापान निर्यात होने लगी तो प्रयागराज के मूंज कारीगरों के जीवन में खुशियां आएंगी. जिले के मूंज कारीगर अभी पेन स्टैंड, पूजा बास्केट, बैग, पेपर वेट, फ्लावर पॉट, चपाती टोकरी, चटाई और पूजा की चटाई बना रहे हैं.

सहायक आयुक्त उद्योग जय श्री तिवारी ने बताया कि नैनी थाना क्षेत्र में महेवा (Maheva in Naini police station area) इलाके को मूंज गांव के रूप में विकसित किया गया है. यहां रहने वाले करीब 5 सौ लोग मूंज के उत्पाद तैयार करते हैं. प्रयागराज के मूंज उत्पाद को देश दुनिया तक पहुंचाने के लिए ही ओडीओपी के तहत चयन किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रयागराज के ओडीओपी (ODOP) प्रोडक्ट मूंज को देश के बाद दुनिया में पहचान दिलाने के लिए सरकार की तरफ से जापान में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. सरकार की मंशा के अनुरूप काम हुआ तो जल्द ही प्रयागराज में मूंज की बनी चटाइयां जापान को निर्यात की जाएगी. एक बार चटाई का जापान निर्यात शूरू हो गया तो मूंज कारीगरों की कमाई बढ़ने के साथ ही उनके जीवन स्तर में उन्नति होनी तय है.

यह भी पढ़ें- पॉलीथिन के इस्तेमाल पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, वकीलों और छात्रों की कमेटी बनायी

प्रयागराज में मूंज के प्रोडक्ट बनाते कारीगर और जानकारी देतीं सहायक आयुक्त उद्योग जय श्री तिवारी.

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज (Sangam city Prayagraj)के मूंज उत्पाद को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (One District One Product) के तहत चुना गया है. यहां बनाये गए मूंज के उत्पाद को दूसरे जिले प्रदेश तक भेजा जा रहा है. इसके साथ ही मूंज से चटाई बनाये जाने की सरकार ने योजना बनायी है. मूंज कारीगरों से चटाई को बनवाकर उसे जापान में निर्यात करने की प्लानिंग है. सब कुछ सही राह तो आने वाले दिनों में नैनी इलाके में बनायी जा रही मूंज की चटाई को जापान में बिछाई जाएगी.

निर्यात करने की तैयारी
प्रयागराज में मूंज से तैयार प्रोडक्ट



जानकारी के अनुसार जापान में चटाई का इस्तेमाल औसतन सबसे ज्यादा किया जाता है. वहां के लोग बेड की जगह चटाई का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. जिला उद्योग विभाग की तरफ से मूंज कारीगरों को अन्य उत्पादों के साथ ही मूंज की चटाई बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र के जरिये मूंज कारीगरों को अन्य उत्पादों के साथ ही चटाई बनाने के लिए भी अब प्रोत्सहित किया जा रहा है. मूंज की चटाई जापान निर्यात होने लगी तो प्रयागराज के मूंज कारीगरों के जीवन में खुशियां आएंगी. जिले के मूंज कारीगर अभी पेन स्टैंड, पूजा बास्केट, बैग, पेपर वेट, फ्लावर पॉट, चपाती टोकरी, चटाई और पूजा की चटाई बना रहे हैं.

सहायक आयुक्त उद्योग जय श्री तिवारी ने बताया कि नैनी थाना क्षेत्र में महेवा (Maheva in Naini police station area) इलाके को मूंज गांव के रूप में विकसित किया गया है. यहां रहने वाले करीब 5 सौ लोग मूंज के उत्पाद तैयार करते हैं. प्रयागराज के मूंज उत्पाद को देश दुनिया तक पहुंचाने के लिए ही ओडीओपी के तहत चयन किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रयागराज के ओडीओपी (ODOP) प्रोडक्ट मूंज को देश के बाद दुनिया में पहचान दिलाने के लिए सरकार की तरफ से जापान में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. सरकार की मंशा के अनुरूप काम हुआ तो जल्द ही प्रयागराज में मूंज की बनी चटाइयां जापान को निर्यात की जाएगी. एक बार चटाई का जापान निर्यात शूरू हो गया तो मूंज कारीगरों की कमाई बढ़ने के साथ ही उनके जीवन स्तर में उन्नति होनी तय है.

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