प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड में मददगार के रूप में जिन पांच आरोपियों को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, उन आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान पुलिस की तरफ से पांचों आरोपियों की कस्टडी रिमांड लेने के लिए अर्जी दी गयी है. कोर्ट ने अतीक अहमद के पांचों गुर्गों की 6 घंटे की कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली है. कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ 6 घंटे की कस्टडी रिमांड दी है.पुलिस को आरोपियों की सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक कि कस्टडी रिमांड मिली है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इस दौरान आरोपियों को लेकर पुलिस कहीं बरामदगी करवाने नहीं जा सकेगी.
बता दें कि 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की सरेआम बम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसी केस में पुलिस ने अतीक से जुड़े हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनके कब्जे से 74 लाख 62 हजार रुपये, 10 पिस्टल और तमंचा के साथ 112 कारतूस बरामद किए थे.
अवैध असलहे और 74 लाख से अधिक कैश के साथ 5 लोग पकड़े गए थे. पुलिस ने उस दिन अरशद खान उर्फ अरशद कटरा, नियाज अहमद, मोहम्मद सजर, कैश अहमद और राकेश कुमार को गिरफ्तार किया था. उनको सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया. इस पेशी के दौरान प्रयागराज पुलिस ने पांचों आरोपियों को कस्टडी रिमांड में लेने की मांग की. इस पर कोर्ट ने पांचों आरोपियों की छह घंटे की कस्टडी रिमांड दे दी.
सीजेएम ने कस्टडी रिमांड मंजूर करते हुए निर्देश दिया है कि एक वकील की मौजूदगी में पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान पूछताछ करेगी. इस दौरान पुलिस आरोपियों के साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं करेगी. इसके साथ ही कस्टडी में लेने और वापस करने के दौरान उनका मेडिकल भी करवाया जाएगा. कोर्ट ने सभी आरोपियों की 6 घंटे की कस्टडी रिमांड मंजूर की है और रिमांड अवधि पूरी होने के साथ ही सभी आरोपियों को सुरक्षित जेल के सुपुर्द करने को कहा है.
पुलिस अब नियाज अहमद, मोहम्मद सजर,कैश अहमद, राकेश कुमार और अरशद कटरा उर्फ अरशद खान को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ करेगी. इस दौरान पुलिस उमेश पाल की हत्या से जुड़े तमाम सवाल उनसे पूछेगी. इसके साथ ही वारदात में शामिल लोगों के साथ ही उनके द्वारा इस्तेमाल किये गए असलहों की भी जानकारी जुटाएगी. इस दौरान पुलिस आरोपियों को लेकर साक्ष्य संकलन करने भी ले जा सकती थी लेकिन कोर्ट ने रिमांड मंजूर करते समय यह निर्देश दिया है कि आरोपियों को बरामदगी के लिए पुलिस नहीं ले जा सकती है. वहीं, पुलिस का कहना है कि उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ी कई जानकारियां इन पांचों आरोपियों से पुलिस को मिल सकती है.